आबू रोड: ब्रह्माकुमारीज के यातायात एंव परिवहन प्रभाग के सम्मेलन का उद्घाटन

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सडक़ दुर्घटना रोकने के लिए मन का संतुलन जरूरी-तिवारी
ब्रह्माकुमारीज के यातायात एवं परिवहन प्रभाग के सम्मेलन का आयोजन


आबू रोड,राजस्थान। जितनी तेजी से वाहन बढ़ रहे है सुडक़ दुर्घटनओं के इजाफा ने चिंता में डाल दिया है। थोड़ी सी लापवरवाही जीवन पर भारी पड़ती है। इसलिए सडक़ दुर्घटना रोकने के लिए मन का संतुलन होना जरूरी है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के राजयोग ध्यान से मन एकाग्र हो जाता है और जीवन में सफलता आने लगती है। उक्त उद्दगार रेलवे यात्री सलाहकार समिति के अध्यक्ष रमेश चन्द्र रत्न ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोबल ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। 
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वाहनों में कितना भी सेफ्टी का साधन रहे परन्तु यदि दुर्घटना होने पर खुद का बचाव करना बहुत मुश्किल हो जाता है। यदि गाड़ी पुरानी भी हो और ड्रायवर सकुशल हो तो जीवन बच जाता है। इसलिए मन को हमेशा संतुलित रखने के लिए राजयोग ध्यान करने की जरूरत है। जितने भी चालक है या कोई भी हो अपने जीवन को सही सलामत रखने के लिए जीवन को संयमित रखे। ब्रह्माकुमारीज संस्थान में आने के बाद यह महसूस होता है कि जीवन कैसा होना चाहिए। 
ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने कहा कि हम सब परमात्मा के बच्चे हैं। इसलिए हमें कोई भी कार्य करने के पहले परमात्मा को जरूर याद करने का पुरुषार्थ करना चाहिए। जब मन शांत रहेगा तभी हम परिस्थिति को सही तरीके से हैंडल कर सकते हैं।

ब्रह्माकुमारीज संस्थान के यातायात एवं परिवहन प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा मुम्बई बोरीवली की दिव्य प्रभा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश में किसी भी हालत में दुर्घटना ना हो। इसलिए हम लोगों को ज्यादातर राजयोग ध्यान का प्रशिक्षण देते हैं। ताकि वे वाहन का चालन करते समय मन को नियंत्रित रख सकें। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा राजयोग का मतलब ही होता है जीवन अनुशासित । यदि हम अनुशासन में रहकर कोई भी कार्य करेंगे तो दुर्घटनाओं से बच जायेंगे। 


कार्यक्रम में प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कुंती ने कहा कि राजयोग ध्यान एक ऐसी पद्धति है जिससे मनुष्य के जीवन में सकारात्मक  बदलाव आता है। जब मन शांत होगा तब यात्रा में भी हम सुरक्षित रहेंगे। इसके लिए प्रतिदिन थोड़ा समय देने की जरूरत है। इससे ही हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा। कार्यक्रम में मुख्यालय संयोजक बीके सुरेश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा। जिसमें सडक़ दुर्घटनाओं में रोकथाम के लिए प्रयास किये जायेंगे। इसके साथ ही सांस्कृतिक संध्या का भी आयेाजन किया गया

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