मुंबई-मुलुंड: 53 वें वार्षिक जन्मदिन और गांधी जयंती के अवसर पर स्नेहमिलन

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प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मुलुंड सबझोन जन्मदिन तथा स्नेहमिलन महोत्सव

मुंबई-मुलुंड, महाराष्ट्र : 53 वें वार्षिक जन्मदिन और गांधी जयंती के अवसर पर, ब्रह्माकुमारीज़ मुलुंड सबज़ोन ने सभी बीके परिवार के साथ-साथ आमंत्रित वीआईपी के लिए एक भव्य वार्षिक जन्मदिन समारोह का आयोजन किया। ऐरोली में श्री कच्छ वागड़ लेवा पाटीदार समाज के विशाल और सुंदर हॉल में आयोजित इस समारोह में मुलुंड सबझोन के आध्यात्मिक सेवा में 53 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्नेहमिलन मनाया गया।

प्रात:कालीन ध्यान सत्र के बाद, मुरली क्लास आयोजित की गई । उसके बाद माउंट आबू से ब्रह्माकुमारीज़ की वरिष्ठ शिक्षिका राजयोगिनी बीके गीता बहन, जिन्हें इस उत्सव के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, उन्होंने अपने पवित्र शब्दों के साथ सभी बीके भाई बहनों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाया। इस अवसर पर भारत माता, लाल बहादुर शास्त्री और गांधीजी की एक विशेष झांकी बनाई गई और मंच निर्देशक ने कार्यक्रम की जानकारी दी। कलवा केंद्र की कुमारी हर्षला ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसरपर तीनों वरिष्ठ बहनें राजयोगिनी बीके डॉ गोदावरी दीदीजी, राजयोगिनी बीके गीता बहन और बीके लाजवंती बहन को सम्मानित किया गया।

मुलुंड सबझोन की सभी निमित्त टीचर बहनों द्वारा दिप प्रज्वलन तथा केक कटिंग किया गया। वरिष्ठ भ्राता बीके नारायण भाई, आनंद साबले श्रम एवं रोजगार मंत्रालय-भारत सरकार, डॉ जेठमलानी, हृदयरोग तज्ञ, मुकेश भाई, डॉ शिंदे भाई, डॉ राजकुमार भाई और राजा भाऊ की ओर से शुभकामनाएं दी गई । बाद में मुलुंड सबज़ोन के 75 व्हीआयपीज् द्वारा दिप प्रज्वलन किया तथा उन्हें फूलों के गुलदस्ते और दिव्य उपहारों द्वारा सम्मानित किया गया।

मुलुंड सबझोन के ३१ सेवाकेन्द्रोंसे आजादी के अमृत महोत्सव तथा बर्थडे के निमित्त सांस्कृतिक कार्यक्रम बड़े ही हर्ष – उल्हास से आयोजित किये गए। इसके बाद गोदावरी दीदी द्वारा जन्मदिन के निमित भोग तथा सन्देश दिया गया। यह एक भव्य उत्सव था जहां सर्व सेवा केंद्र के शिक्षक, भाइयों, बहनों और यहां तक कि बीके परिवार के बच्चों ने भी समान उत्साह दिखाया।देशभक्ति नृत्य, नवरात्रि देवी नृत्य, गीत, संगीत, एक स्वादिष्ट भोजन (ब्रह्मा भोज) और सभी के लिए ईश्वरीय सौगात के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।शाम को समूह गरबा नृत्य (रास) का भी आयोजन किया गया जहां गीत, नृत्य और मधुर संगीत में वातावरण खुशी और कृतज्ञता से भर गया।


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