अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम

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कादमा (हरियाणा): आधुनिक भारत के निर्माण में बेटियों का बहुत बड़ा योगदान है आज धार्मिक राजनीतिक तथा वैज्ञानिक सत्ता में भी बेटियों का ही बोलबाला है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं लेकिन समाज में विडंबना है कि आज भी बेटी की बजाय बेटे को अधिक महत्व दिया जाता है। बेटा अंश है तो बेटी वंश है, बेटा आन है तो बेटी शान है। इसलिए बेटा बेटी में कभी भेदभाव नहीं करना चाहिए। ब्रह्माकुमारी बहन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी शिक्षित होते हुए भ्रूण हत्या जैसा घिनौना पाप कर्म किया जा रहा है जिससे समाज में विपरीत व नकारात्मक वातावरण पैदा होता है। बहन वसुधा ने सभी मां बाप को संबोधित करते हुए कहा कि हमें आज इस बालिका दिवस पर संकल्प लेना चाहिए कि हम बेटा बेटी में कभी भेद नहीं करेंगे। एक समान एक वातावरण एक जैसी शिक्षा प्रदान करेंगे तथा हर बेटी को भी यह संकल्प लेना चाहिए कि हम ईमानदार चरित्रवान बन अपने माता-पिता व क्षेत्र का नाम रोशन करेंगी। तभी हमारा भारत देश पुनः विश्व में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सोने की चिड़िया कहला सकता है। ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने कहा कि भारतीय संस्कृति अपने मानवीय मूल्यों के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है तो हमें उनको बनाए रखने के लिए यह मतभेद मिटाने पड़ेंगे। ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा की बेटियां वह चिराग हैं जो परिवार के कुल का नाम रोशन करती हैं इसलिए तो वर्ष में दो बार नवरात्रि के रूप में देवियों की बेटियों की पूजा भारत देश में विशेष की जाती है तो हम सभी अपने बेटा बेटी में श्रेष्ठ व दिव्य संस्कारों का निर्माण कर उन्हें चरित्रवान बनाएं तभी हम एक सुदृढ़ सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।   इस अवसर पर कुमारी प्रमिला, साक्षी, खुशी, भाविका, पलक, मौसमी, चारु, ललिता आदि बालिकाओं ने बेटियों की महिमा पर गीत, नृत्य, भाषण, कविता आदि की प्रस्तुतियां दे बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, सशक्त बनाओ का संदेश दिया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सभी बेटियों को सम्मानित किया।

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