भौरा कलां : – दुआओं से बड़ी नहीं है कोई ताकत – बीके आशा

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 ओआरसी डॉक्टर्स कार्यक्रम में मंचासीन वक्तागण।

– डॉक्टर्स ने सीखी राजयोग की बारीकियां
– 200 से भी अधिक डॉक्टर्स ने की शिरकत
– ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ कार्यक्रम

भौरा कलां गुरुग्राम
ब्रह्माकुमारीज के गुरुग्राम स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में डॉक्टर्स के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। ब्लेस, ब्लिस और ब्लॉसम विषय पर आयोजित कार्यक्रम में 200 से भी अधिक डॉक्टर्स और उनके परिवार के सदस्यों ने शिरकत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने कहा कि दुआएं जीवन के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि हैं। जहां दुआएं हैं वहाँ हर कार्य सहज हो जाता है। दुआएं माँगने से नहीं मिलती। दुआएं कमानी पढ़ती हैं। निस्वार्थ सेवा भावना दुआओं का पात्र बनाती है। दुआओं से बड़ी कोई कमाई नहीं है। दुनिया में दुआओं से बड़ी कोई ताकत नहीं है।

ब्रह्माकुमारीज दिल्ली, शक्ति नगर सेवाकेंद्र निदेशिका चक्रधारी दीदी ने बताया कि शांति आत्मा का मूल स्वरूप है। आज हम दूसरों से शांति और प्रेम की अपेक्षा करते हैं। लेकिन फिर भी निराशा ही मिलती है। जिसका असली कारण स्वयं की पहचान न होना है। जब हम स्वयं से जुड़ते हैं तो स्वतः ही शांति का अनुभव होने लगता है। सदा अपने को वरदानी आत्मा समझें। हम जो कुछ भी सोचते हैं, वैसा स्वरूप अनुभव होने लगता है। राजयोग आत्मा के मूल गुणों को जागृत करता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को अपने कार्य में स्नेह, दया और करुणा जैसे गुणों से संपन्न होना भी जरूरी है। क्योंकि आधी बीमारी तो डॉक्टर्स के अच्छे व्यवहार से ही ठीक हो जाती है।

एम्स हॉस्पिटल, दिल्ली की पूर्व डॉ. उषा किरण ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि बचपन से ही वो राजयोग का अभ्यास कर रही हैं। डॉ.किरण ने कहा कि शरीर के इलाज के साथ-साथ उन्होंने मरीजों को योग भी सिखाया। उन्होंने कहा कि योग के लिए हॉस्पिटल में विशेष योग कक्ष भी बनाया गया है।

भिवाड़ी, सिटी नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉ. रूप सिंह ने बताया कि राजयोग से प्राप्त शक्तियों के आधार पर ही कोविड काल में उन्होंने मरीजों की बेहतर संभाल की। उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास से सदा ही ईश्वरीय शक्तियों का अनुभव होता है। डॉ. सिंह ने कहा कि वो मेडिकेयर में मेडिटेशन को जरूर शामिल करते हैं।

मेदांता हॉस्पिटल से न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति ने कहा कि राजयोग के अभ्यास से विपरीत परिस्थिति में भी उन्हें सामना करने की ताक़त मिली।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में बीके लक्ष्मी ने सबको राजयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन बीके सुनैना और बीके हुसैन किया। कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के माध्यम से भी कई प्रश्नों के उत्तर दिए गए।


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