आधे या एक मिनट ईश्वर की याद और धन्यवाद से करें किसी भी यात्रा की शुरूआत व अंतसुरक्षित भारत के अंतर्गत बिलासा गुड़ी में यातायात पुलिस के लिए तनावमुक्ति विषय पर कार्यक्रम का आयोजन
बिलासपुर-टिकरापारा,छत्तीसगढ़ : दौड़ना हमारा स्वभाव नहीं, चलना हमारा स्वभाव है यदि हम लगातार दौड़ते रहेंगे तो थक जायेंगे उसी प्रकार गुस्से या नकारात्मक विचार की स्थिति में हमारे विचारों की गति बढ़ जाती है और हम मानसिक रूप से थक जाते हैं। जिसका असर चिड़चिड़ाहट या आवेग के रूप में दूसरों पर निकलता है। सकारात्मक विचार से हमारे अंदर प्रेम व धैर्यता का गुण आता है। आज हम सभी की आत्मिक ऊर्जा में कमी आती जा रही है। इसलिए हम एक-दूसरे से प्रेम की अपेक्षा रखते हैं। जबकि सभी के पास प्रेम का अभाव है। कोई भी प्रेम देना नहीं चाहता, हर कार्य गुस्से से करता है। स्वयं को चार्ज करने और प्रेम बांटने के लिए प्यार के सागर परमात्मा से हमें अपना संबंध जोड़ना होगा। इसके लिए ज्यादा समय देने की जरूरत नहीं है। बस हर कार्य या यात्रा की शुरूआत में कुछ पल केवल आधे से एक मिनट के लिए ईश्वर को याद जरूर करें। इससे स्वतः मन शान्त हो जाएगा और हमारी कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी। साथ ही कार्य पूरा हो जाने पर ईश्वर का धन्यवाद भी जरूर करें।उक्त बातें सुरक्षित भारत सड़क-सुरक्षा अभियान के तहत बिलासा गुड़ी के हॉल में यातायात पुलिसकर्मी भाई-बहनों को संबोधित करते हुए टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। दीदी ने अपने अनुभव से बतलाया कि गाड़ी को बहुत प्यार से हैण्डल करें और गाड़ी के साथ गाड़ी चालक का भी सम्मान करें तो दुर्घटना से बचे भी रहेंगे और गाड़ी भी ठीक रहेगी। आपने गाड़ी के विभिन्न पार्ट्स को जीवन से जोड़ते हुए बताया कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमारी दृष्टि स्पष्ट होना एक्सीलरेटर की तरह है। कहां हां और कहां ना करना है और हमारी जिम्मेदारियों से दूर करने वाली बातों को नहीं सुनना इसके लिए बुद्धि रूपी ब्रेक की जरूरत होती है। परिस्थितियों के अनुसार गति बदलने के लिए क्लच, इंजिन हमारा शरीर व मन। जैसे इंजिन को पेट्रोल की जरूरत होती है उसी प्रकार शरीर के लिए हेल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज करें और मन की ऊर्जा के लिए अच्छे विचार सुनें या पढ़ें। सस्पेंशन सिस्टम जो शॉक एब्जार्ब कर हमें आराम देते हैं। अच्छे प्रेरणात्मक गीत, ईश्वर व मात-पिता का सानिध्य हमारे जीवन के झटकों से हमें सुरक्षित रखते हैं।
दीदी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्राता रोहित बघेल जी से सड़क-सुरक्षा सप्ताह में जन जागरूकता के लिए संस्था द्वारा सेवाएं देने का प्रस्ताव रखा क्योंकि यदि इस अभियान से एक का भी जीवन सुरक्षित होता है तो हमारी सेवाएं सार्थक हो जाएंगी। इस अवसर पर रोहित बघेल जी ने सभी यातायात के पुलिसकर्मियों से कहा कि मेडिटेशन के माध्यम से गुस्से पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें क्योंकि गुस्सा करने के बाद दो-तीन घण्टे खुद के लिए पीड़ादायक होती है। मैं मानता हूं कि आपका लोगों के संपर्क में ज्यादा आना हो़ता है और लोग गलती करके भी आपके साथ तर्क-वितर्क करते हैं। ऐसे में कुछ पल के मेडिटेशन के अभ्यास से ही मन शान्त होगा। पिछले एक वर्ष मेडिटेशन के अभ्यास से मेरा भी गुस्से पर बहुत हद तक नियंत्रण हुआ है। उन्होंने इस सत्र के लिए दीदी व पूरी टीम का धन्यवाद किया और कहा कि निश्चित ही इस कार्यक्रम से हमारे साथियों को बहुत लाभ मिलेगा।
उप-पुलिस अधीक्षक भ्राता संजय साहू जी ने कहा कि संस्था के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने का मेरा पहला अवसर रहा। जिसमें मुझे गंभीरता से जीवन की सच्चाई, सार्थकता को उदाहरण सहित जानने को मिला। निश्चित ही आत्म-संयम, शरीर व वाणी पर नियंत्रण, जो कि हमारे टै्रफिक के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है इसके यथासंभव पालन के लिए हम संकल्पित होते हैं जिससे यातायात पर इसका प्रभाव दिखे और हम यातायात को सुगम बना सकें जो इस कार्यक्रम का मूल थीम है। इस अवसर पर विद्युत उपभोक्ता फोरम, बिलासपुर के अध्यक्ष भ्राता भूषण लाल वर्मा जी, एसईसीएल के मजदूर संघ के सचिव भ्राता संदीप बल्हाल जी, ब्र.कु. गायत्री बहन, प्रीति बहन, अमर भाई एवं यातायात एवं पुलिस के स्टाफ उपस्थित रहे। कु. गौरी ने देशभक्ति व युवा शक्ति पर आधारित गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में दीदीयों ने सभी को प्रसाद दिया।for more photos and VIDEOS Google Drive Link here…https://drive.google.com/drive/folders/1hxq4g1KSBqXmwHmHxst6hmEo_-fHpdoD?usp=sharing