ओम शांति का मंत्र जीवन को नई ऊर्जा देता है …. तुलसी सिलावट
राजयोग मेडिटेशन से आती है प्रशासन में सफलता ….. ब्रह्माकुमारी आशा दीदी
विषम परिस्थितियों में भी मन को शांत रखा जा सकता है….. अवधेश प्रताप सिंह
इंदौर ,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा ज्ञान शिखर ओमशांति भवन के ओम प्रकाश भाईजी सभागार में प्रशासनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में प्रशासकों, कार्यपालकों एवं प्रबंधकों ने भाग लिया।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ओम शांति ऐसा मंत्र है जो जीवन को प्रेरणा ,ऊर्जा,संकल्प और शक्ति देता है। यह शब्द हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में ले जाता है। शासन की योजनाओं को जमीन पर उतारने का कार्य प्रशासन का है।
उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रशासक सेवा प्रभाग की सराहना करते हुए कहा कि आपने इस सम्मलेन का आयोजन करके प्रशासनिक अधिकारियो को अध्यात्म से जोड़ने का अनूठा प्रयास किया है। अधिकारियो को तनाव से दूर करने का इससे बेहतर कोई दूसरा उपाय नहीं हो सकता।
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी अगर तनाव मुक्त रहेंगे तो और अधिक नई ऊर्जा के साथ काम कर पाएंगे।ओम शांति के एक मंत्र में शांति के साथ -साथ सुकून , विश्वास ,प्रेम ,आस्था सब कुछ समाया हुआ है।
इस अवसर पर प्रशासक सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा प्रशासक का जीवन कर्मयोगी की तरह होना चाहिए।कर्मयोगी अर्थात कर्म और योग दोनों का संतुलन। अधिकारी आध्यात्मिक रूप से इतना सशक्त हो जो हर परिस्थिति का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि प्रशासक को सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेना चाहिए ताकि लोगो की दुआए मिले। हर एक प्रशासक अपने लिए थोड़ा समय निकाल कर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करे जिससे परख शक्ति और निर्णय शक्ति में वृद्धि होती है और तनाव मुक्त हो जाते है।
मध्य प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अध्यात्म से जुड़ने से जीवन में रचनात्मक परिवर्तन आता है और विषम परिस्थितियों में भी मन को शांत रखा जा सकता है। विधान सभा में तनाव के माहौल के बीच काम करने में राजयोग मेडिटेशन से उन्हें बहुत सहयोग मिलता है।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्व प्रशासन ही उत्कृष्ट प्रशासन की नींव है ।प्रशासन में उत्कृष्टता आध्यात्मिकता से ही आएगी।
इंदौर के कलेक्टर डॉ इलैया राजा ने कहा कि किसी के सोच को बदलना सबसे मुश्किल कार्य होता है किन्तु अध्यात्म की सहायता से सहज ही संभव हो जाता है। वास्तविक खुशी जीवन में तब मिलती है जब हम समाज के बीच रहकर काम करते है।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आई आई एम ) के निदेशक प्रो हिमांशु रॉय ने कहा कि प्रशासक को हर कार्य का निष्पादन निष्पक्ष होकर करना चाहिए । सफल प्रशासक बनने के लिए स्थितप्रज्ञ अवस्था बनानी होगी अर्थात कार्य की सफलता में मिलने वाली प्रशंसा एवं असफलता के समय होने वाली आलोचना में सामान रहे। सभी कार्यो को सेवा समझकर करे।
सम्मेलन में प्रशासक सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार हरीश भाई ने प्रशासक प्रभाग की सेवाओं से अवगत कराते हुए कहा कि इस संस्था की स्थापना सन. 1936 में हुई है , वर्तमान समय में 140 देशों में कार्य कर रही है। समाज के सभी वर्गों के लोगों को ईश्वरीय ज्ञान एवं राजयोग की शिक्षा के द्वारा तनाव मुक्त जीवन जीने की कला तथा कार्यकुशलता एवं दक्षता में वृद्धि करना सीखा रही हैं। इसी के प्रशासक सेवा प्रभाग के द्वारा प्रशासकों, कार्यपालकों एवं प्रबंधकों के लिए पूरे देश में सम्मेलन, कार्यशाला, अभियान आदि के द्वारा स्व पर शासन कर जीवन में पहले स्व सेवा और फिर दूसरों की सेवा का संतुलन करना सिखाती है। उन्होंने यहाँ भी कहा कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के साथ एम ओ यू करके समाज कल्याण के कार्य में सहयोगी है जैसा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के साथ नशा मुक्ति अभियान, जल संसाधन मंत्रालय के साथ मिलकर जल जन अभियान तथा कला एवं संस्कृति मंत्रालय के साथ आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिंम भारत आदि कार्क्रम चलाये जा रहे हैं।
प्रशासक प्रभाग की क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने आभार व्यक्त किया। सम्मेलन में एडिशनल कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने शुभकामनाएं दी। शक्तिनिकेतन की कुमारियों स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया | संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी उषा ने किया।