शहर की एक कॉलोनी में एक बुजुर्ग कपल अंकल और आंटी रहते थे। उस कॉलोनी को बने अभी थोड़ा समय ही हुआ था इसीलिए उसमें 4 से 5 ही घर बसे हुए थे। इनका बेटा इन्हें छोड़कर अपनी पत्नी के साथ विदेश में रहता था क्योंकि पत्नी ये नहीं चाहती थी कि वह घर पर रहकर अपने सास-ससुर की मदद करे।
ये बुजुर्ग अंकल और आंटी जिस कॉलोनी में रहते थे उन्हें हमेशा से यह डर रहता था कि कहीं कोई घटना ना हो जाये इसलिए वे ज्य़ादा घर से बाहर नहीं निकलते थे। लेकिन उनका यह रूटीन था कि वह हर सुबह सूरज निकलने के बाद टहलने के लिए निकल जाते थे।
एक दिन दोनों रोज़ की तरह ही सुबह को टहलने निकले थे,उन्होंने देखा कि एक लड़का तेजी से साइकिल चलाता हुआ जा रहा था और उस साइकिल के पीछे एक फावड़ा बंधा हुआ था लेकिन उन्होंने ज्य़ादा ध्यान नहीं दिया और चले गए।
दूसरे दिन उसी समय फिर से वह लड़का दिखा और उसी तरह तेजी से साइकिल चलाता जा रहा था, इसी तरह तीसरे और चौथे दिन भी वह लड़का दिखा।
पाँचवे दिन आंटी जी ने अंकल जी से पूछा कि ये लड़का हर रोज़ सुबह इसी समय तेजी से साइकिल चलाते हुए जाता है मुझे लगता है कि कुछ गड़बड़ है कहीं ये लड़का कोई गलत काम करने तो नहीं जा रहा है। लेकिन
अंकल जी ने मना कर दिया कि जा रहा होगा कहीं हमसे क्या, परन्तु आंटी जी बोली हमको देखना चाहिए कि हमारी कॉलोनी में कोई गड़बड़ तो नहीं। अंकल जी बोले ठीक है अगले दिन हम इस लड़के का पीछे करेंगे और देखेंगे कि ये जा कहाँ रहा है।
अगले दिन सुबह को फिर से वो लड़का तेजी से साइकिल चलाता निकला और उनके पीछे अंकल और आंटी जी भी गये। उन्होंने देखा कि थोड़ी दूर जाने के बाद उस लड़के ने एक पेड़ के पास साइकिल खड़ी कर दी, उसी पेड़ के पास थोड़ी-सी खाली ज़मीन पड़ी थी और उसे वो खोदने लगा।
अंकल और आंटी जी कुछ देर तक देखते रहे कि ये लड़का क्या कर रहा है लेकिन लड़का ज़मीन खोदे जा रहा था कुछ देर बाद उन्होंने लड़के से पूछा कि आप ये ज़मीन क्यों खोद रहे हो?
लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा कि अंकल जी मैं आप दोनों को रोज़ देखता हूँ लेकिन आपको मुझसे डरने की ज़रूरत नहीं और यहाँ ज़मीन इसलिए खोद रहा हूँ कि मेरी नयी-नयी नौकरी लगी है।
अंकल ने पूछा कहाँ नौकरी लगी है ऐसा कौन-सा काम है जिसमें ज़मीन खोदनी है।
लड़के ने कहा मैं बड़े दिन से बेरोज़गार था फाइनली मुझे फार्म हाऊस में काम मिला है और उन्हें ऐसे लड़के की ज़रूरत है जिसे काम करने का अनुभव हो और मेरे पास कोई भी अनुभव नहीं है इसलिए मैं रोज़ यहाँ फावड़ा लेकर आता हूँ और ज़मीन खोदने की प्रैक्टिस करता हूँ ताकि जैसे ही नौकरी पर काम शुरू हो उसमें हमें निकाल ना दिया जाये इसलिए रोज़ाना मेहनत कर रहा हूँ कोशिश कर रहा हूँ।
उस लड़के की बात सुनने के बाद अंकल और आंटी जी ने लड़के को आशीर्वाद दिया और बोला बहुत ही बढिय़ा बात है, प्रयास ही जि़ंदगी में सबकुछ है। यह छोटी-सी कहानी जि़ंदगी में बहुत बड़ी बात सिखाती है।