अलीराजपुर: ब्रह्मा कुमारीज द्वारा जिला कारागृह में हुआ जीवन बचाओ अभियान की शुरुआत

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क्षमा व दया को धारण करने वाला ही महान होता है। ब्रह्मा कुमार नारायण भाई

एकांत ,शांति, परमात्मा चिंतन जिसको मिलता है वह भाग्यवान है

जिला कारागृह अलीराजपुर में हुआ कैदियों के लिए जीवन बचाओ अभियान से टूटती सांसों की डोर थामने का प्रयास

ब्रह्मा कुमारीज ,अलीराजपुर का अभिनव प्रयोग 

अलीराजपुर,मध्य प्रदेश। जीवन है अनमोल, समझो इसका मोल ,जीवन ईश्वर का दिया वह अमूल्य वरदान है जो हमें सौगात के रूप में मिला है। जरूरत है तो इस वरदान को खुशी-खुशी ,उमंग उत्साह, सार्थक और उपयोगी बनाकर यादगार रूप में जिया जाए। भागदौड़ भरी जिंदगी में हताशा, निराशा ,अवसाद ,हीन भावना, चिंता और तनाव से गुजर रहे लोगों को इससे उबरने और उनमें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा कर जीवन जीने की कला का विकास करने ब्रह्माकुमारीज के द्वारा  जिला कारागृह में कैदियों के लिए जीवन बचाओ अभियान के अंतर्गत टूटती सांसों की डोर थामने का प्रयास इंदौर से आए ब्रह्माकुमार नारायण भाई ने बताया कि क्षमा औऱ दया धारण करने वाला सच्चा वीर होता है, क्रोध में तो व्यक्ति दूसरों के साथ साथ अपने खुद का ही बहुत नुकसान कर देता है..।क्रोध वो जहर है , जिसकी उत्पत्ति अज्ञानता से होती है और अंत पाश्चाताप से होता है..इसलिए हमेशा क्रोध पर नियंत्रण  रखना चाहिए, सदैव संतुष्ट रहिए,प्रसन्न रहिये और हमेशा यही सोचिए कि जो प्राप्त है- वही पर्याप्त है. ब्रम्हाकुमारी माधुरी बहन ने बताया कि यह जेल नहीं है अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए यह मंदिर है ।आप सभी भाग्यशाली है जो आपको एकांत, शांति और परमात्मा चिंतन करने का यह सुंदर अवसर परमात्मा ने दिया है ।गांधी जी ने भी जेल के अंदर गीता का अध्ययन करके अपने अंदर शक्ति, बल भरकर देश को आजाद कराया। यह परिस्थितियां हमें जीवन में आगे बढ़ाने के लिए अवसर देती है। इस को सकारात्मक रूप में लेना है। शक्ति, कठोरता, दृढ़ संकल्प के साथ जब दृढता का समावेश हो जाता है तो वह इच्छाशक्ति में बदल जाता है। किसी संकल्प को पूरा करने में अंत तक जुटे रहते हैं तो परिणाम स्वरुप वह संकल्प  शक्ति में बदल जाता है। दुनिया में बड़े बड़े बदलाव महान व्यक्तित्व का निर्माण संकल्प के बल पर ही हुआ है। जब तक घड़े को आग की तपन से नहीं गुजारा जाता है तो उसमें शीतलता प्रदान करने का गुण विकसित नहीं होता है। जो जितना महान हुआ है वह जीवन में उतनी ही समस्याएं परिस्थितियां रुपी यज्ञ कुंड में तप कर निकला है। सिद्धांतों का पालन करने में विपरीत हालात में भी अडिग रहें। कार्यक्रम के शुभारंभ में जेल अधीक्षक संस्कृता बहन  ने कैदियों को संबोधित करते हुए बताया यदि समय पर कैदियों को सही दिशा और मार्गदर्शन मिल जाए तो वह गलत रास्ते पर जाने से बच जाते हैं। आज समाज में ऐसे सकारात्मक विचारों की बेहद आवश्यकता है जो  मोटिवेशन से ही बदलाव संभव है।

श्रीमति संस्कृता ,जेल अधीक्षक, जिला कारागृह कैदियों को जीवन जीने की कला के पश्चात सेवांजलि भेट करते हुए ब्रह्मा कुमार नारायण भाई, ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन.

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