सुन्नी : ब्रह्माकुमारी शकुन्तला बहन को हिमाचल गौरव पुरस्कार

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सुन्नी,हिमाचल प्रदेश: हमारे लिए एक एतिहासिक और गौरवशाली यादगार दिवस रहा जब सुन्नी उप सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी शकुन्तला बहन को “हिमाचल गौरव पुरस्कार” से सम्मानित किया गया l सम्भवत: पंजाब ज़ोन के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी गैरसरकारी संस्था द्वारा सरकारी विभाग के साथ मिल कर ब्रह्माकुमारीज को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवायें  प्रदान करने के लिए यह गौरव शाली पुरस्कार दिया गया l हिमाचल गौरव पुरस्कार का मोमेंटो स्वर्णिम हिमाचल जन जागरण समिति के राज्य स्तरीय सम्मलेन में भ्राता जगत सिंह नेगी राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री हिमाचल सरकार के कर कमलों द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश के विशाल आधुनिक आडिटोरियम जटोली स्थित सोलन (हि० प्र०) में प्रदान किया गया जहाँ वे उक्त संस्था के राज्य स्तरीय सम्मलेन में वतौर मुख्य अतिथि पधारे थे l

 यह गौरव शाली पुरस्कार खचा-खच भरे आडिटोरियम में समूचे प्रदेश से आये  विभिन्न वर्गों के समाज सेवी कार्यकर्ताओं, जिला प्रशासन के पदाधिकारियों तथा शहर के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में जब प्रदान किया जा रहा था तब  स्टेज पर बैठे सभी पदाधिकारी तथा विशाल सभागार में उपस्थित सारे लोग खड़े हो कर जोरदार तालियों की गूंज से जैसे आसमान से पुष्प वर्षा कर रहे थे जिसे देख कर आम आदमी के भीतर ब्रह्माकुमारीज के प्रति आदर और सत्कार का भाव  देखने को मिला l  l

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी शकुन्तला बहन के साथ आए ब्रह्मा वत्सों को भी पहली पंक्ति में विशिष्ट व्यक्तियों के साथ बैठने का स्थान दिया गया था l इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने अपनी 2 कलाकृतियों प्रस्तुत की l स्कूल की छात्राओं ने सरस्वती वंदना पर बहुत ही सुन्दर नृत्य पेश किया l

इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही की स्टेज पर 29 वक्ता उपस्थित थे लेकिन समयाभाव के कारण सिवाए मुख्य अतिथि के किसी को भी मंच से बोलने का मौका नहीं दिया गया l आश्चर्य तब हुआ जब मंच से अचानक घोषणा हुई कि केवल ब्रह्माकुमारीज की ओर से भ्राता रेवा दास को अपना वक्तव्य रखने के लिए 5 मिनट का समय दिया जाता है l भ्राता रेवा दास ने अपने संबोधन में संस्था का परिचय दे कर परमात्मा शिव के इस धरा पर अवतरण होने की खुश खबरी सुनाई l उन्होंने कहा जब मुख्य अतिथि आज मंच पर पधारे तो सबने तालियाँ बजा कर उनका भव्य स्वागत किया लेकिन अभी जब वह परमपिता, परम शिक्षक, परम सद्गुरु,  सर्वशक्तिमान परमात्मा शिव के इस विश्व रंगमच पर आने की घोषणा कर रहे हैं तब किसी ने तालियाँ नहीं बजाई l यह सुन कर जैसे सबकी नींद खुली और सारा हाल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा जिसे देख कर मुख्य अतिथि ने  अपना वक्तव्य जारी रखने का इशारा दिया और कब 5 मिनट का समय 15 मिनट से ऊपर चला गया इसका आभास तक भी किसी को नहीं हुआ जिसके लिए मीठे बाबा का बहुत 2 शुक्रिया l सम्बंधित फोटोग्राफ संलगन हैं l

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