बेंगलुरु : सशक्त नारी से समाज, परिवार, देश और राष्ट्र सशक्त बनेगा-भगवान भाई

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बेंगलुरु (कर्नाटक): राजयोग साधना द्वारा ही शिव शक्ति सशक्त नारी बन सकती है |वर्तमान विश्व परिवर्तन हेतु सशक्त नारी समाज का आधार स्तंभ है। जहां सशक्त नारी वहीं समाज, परिवार, देश राष्ट्र भी सशक्त बनेगा। | नैतिक और आध्यात्मिक द्वारा हम स्वयं को सशक्त बनाकर फिर पूजनीय बन सकते है। उन्होंने बताया कि राजयोग के अभ्यास द्वारा स्वयं को तनावमुक्त बनाकर सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नारी जागी तो समाज जागा और नारी सोई तो समाज सोया। अब आध्यात्मिक ज्ञान से स्वयं को जागृत सशक्त बनाए। उक्त उदगार माउंट आबू से पधारे हुए बी के भगवान भाई ने कहे | वे कुमारीयो और माताओं के लिए  बेंगलुरु सिटी सब झोन द्वारा जक्कुर रिट्रीट में राजयोग साधना  द्वारा सशक्त महिता हेतु तीन दिवसीय राजयोग साधना कार्यक्रम  के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा कि आज के समाज में रूढ़ियां, कुरीतियां, रीतिरिवाज, साम्प्रदायिकता बढ़ने लगी है। इस कुचक्र में नारी फसंती गयी। नारी के अधोपतन से समाज का भी पतन होने लगा है। नारी परिवार की धुरी और समाज की ईकाई है। उन्होंने कहा कि माता संतान की प्रथम गुरू है। वह स्वयं यदि शिक्षित है, गुणवान है, सर्मथ है, सशक्त है आत्मबल आत्म सम्मान महसूस करती है तो वही संस्कार वो संतान को देती है।

बी के गीता बहन जी ने  बताया कि वर्तमान समय यह देखने में आ रहा है कि नारी अपना कर्तव्य करने में पूर्ण सक्षम नहीं है। उन्होंने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति, दूरदर्शन टी वी मोबाईल एवं अनेक व्यावसायिक चैनलों एवं पैसों की दौड़ आदि के प्रभाव में नारी आधुनिकता की लहर में अपने नैसर्गिक मूल्यों की अवहेलना कर रही है। इसका प्रभाव समाज पर दिखाई दे रहा है। इसलिए हमे ईश्वरीय श्रीमत पर चलकर साधना द्वारा स्वयं को सशक्त बनाना है |

बी के लीला बहन ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि हम अपने भूतकाल में जाते है तो नारी शक्ति के रूप में पूजी जाती थी । अभी हमें अपने सोच बदलने की, विचारों में परिवर्तन लाने की और अपने शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है। इसके लिए राजयोग साधना जरुरी  है |

राजयोग शिक्षिका बी के पवित्रा बहन जी  ने राजयोग साधना  में पधारी हुए माताओं और कुमारियो  का धन्यवाद ज्ञापित किया |

बच्चो ने नारी सन्मान हेतु डांस भी कर स्वागत भी किया गया |

कार्यक्रम में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की काफी माताओं और कुमारिया उपस्थित थी |

कार्यक्रम के तीन दिन तक विभिन्न विषयों पर और जीवन की घरेलु समस्यों और राजयोग साधना के ऊपर प्रकाश डाला गया |

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