बेंगलुरु: राजयोगी बी के सूरज भाई ने कहा इन बहनों ने कहा की इन बहनों ने अपना जीवन विश्व कल्याण के कार्य अर्थ समर्पित किया है

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बेंगलुरु (कर्नाटक): माउंट आबू के राजयोगी बी के सूरज भाई ने कहा इन बहनों ने कहा की इन बहनों ने अपना जीवन विश्व कल्याण के कार्य अर्थ समर्पित किया है |ऐसे श्रेष्ठ आत्माओं के कारण अभी भी संसार टिका हुआ है | उन्होंने कहा की संसार में तेजी अब पाप कर्म बढ़ते जा रहे है क्योकी नकारात्मकता बहुत बढ़ रही है  इसलिए ऐसे श्रेठ आत्माओं की उपस्थिति जरुरी है |

बी के भगवान भाई जी ने कहा कि वर्तमान समय जितनी भी समस्या हैं उन सबका कारण है नकारात्मक सोच नकारात्मक सोच से तनाव बढ़ता है। तनाव मुक्त बनने के लिए सकारात्मक विचार संजीवनी बूटी है। सकारात्मक विचार से ही मुक्ति संभव है।उन्होंने कहा कि 19वीं सदी तर्क की थी, 20वीं सदी प्रगति की रही और 21वीं सदी तनाव पूर्ण होगी। ऐसे तनावपूर्ण परिस्थितियों में तनाव से मुक्त होने सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि मन में लगातार चलने वाले नकारात्मक विचारों से दिमाग में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ उतरकर शरीर में आ जाते हैं। इनसे अनेक बीमारियां होती हैं। मन के नकारात्मक विचारों से मनोबल, आत्मबल कमजोर बन जाता है।भगवान भाई ने कहा कि जहां तनाव है वहां अनेक समस्याएं बढ़ जाती हैं। तनाव के कारण आपसी मतभेद, टकराव बढ़ जाते हैं।

बी के गीता बहन जी ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति सकारातमक विचार रखने से आपसीभाई चारा बना रहता है।

बी के लीला बहन जी कहा कि सत्संग एवंआध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक सोच के लिए स्त्रोत बताते हुए कहा कि हम अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है। सत्संग के द्वारा प्राप्त ज्ञान और शक्तियां ही हमारी असली पूंजी हैं। उन्होंने  ने कहा कि राजयोग के निरंतर अभ्यास के द्वारा हम अपने कर्म इद्रियों को संयमित कर अपने आंतरिकसद्गुणों का विकास कर सकते

हैं।

कडाप्पा की गीता बहन जी ने कहा की जहां तनाव है वहां मानसिक अशांति के वश होकर मनुष्य व्यसन, नशा, डिप्रेशन के वश हो जाता है। उन्होंने बताया कि मन चलने वाले नकारात्मक विचारों के कारण ही मन में घृण, नफरत, बैर, विरोध, आवेश और क्रोध उत्पन्न होता है।

बी के शारदा बहन जी ने  कहा कि मन बुद्धि के द्वारा चांद सूर्य से पार रहने वाली परम शक्ति को मन बुद्धि से याद कर उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है

कुछ बच्चो ने डांस भी कराया |दीप प्रज्वलन भी कराया |

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