आबू रोड राजस्थान। समाज सेवा प्रभाग की ओर से भारत और नेपाल से प्रभाग से जुड़े सदस्यों के लिए आबू रोड स्थित मानसरोवर में चार दिवसीय भट्टी एवं ट्रेनिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम दिन 23 मई को स्वागत सत्र सांय 6:00 से 8:00 बजे तक सभी सदस्यों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। स्वागत सत्र का समाज सेवा प्रभाग अध्यक्षा आदरणीया राजयोगिनी संतोष दीदी, उपाध्यक्ष बीके प्रेम भाई, राष्ट्रीय संयोजक बीके अवतार भाई, अतिरिक्त राष्ट्रीय संयोजिका बीके वंदना बहन, मुख्यालय संयोजक बीके बीरेंद्र भाई आदि ने दीप प्रज्वलित कर भट्टी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में पांच सौ से अधिक भाई-बहनों ने भाग लिया।
भट्टी की शुरुआत में आदरणीया संतोष दीदी ने निमित्त, निर्माण, निर्मल वाणी विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को खुद को ईश्वरीय सेवाधारी समझकर सेवा करनी है। जितना निमित्त बनकर रहेंगे उतना ही हमारी वाणी में निर्मलता आएगी। सेवा में निमित्तपन का भाव सफलता की कड़ी है।
आदरणीय राजू भाई जी ने दुआओं का खाता बढ़ाने की विधि बताते हुए कहा कि जितना श्रीमत पर चलेंगे उतना स्वत: ही बाबा और समस्त आत्माओं की दुआएं प्राप्त होंगी। दुआयें हमें मेहनत से बचाती हैं और सहज प्राप्ति की ओर अग्रसर करती हैं।
डॉ सविता बहन ने बताया कि पुण्य का खाता बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ कर्मों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। भट्टी में लन्दन से आई आदरणीय गोपी बहन ने फरिश्ता बनने की विधि बताई। अशरीरी अवस्था, साक्षीद्रष्टा अवस्था के लिए चित्त की वृत्तियों को हमेशा सकारात्मक बनाए रखने पर बल दिया। नकारात्मक भाव से स्वयं को बचाने से डबल लाइट फरिश्ता स्थिति की अनुभूति स्वत: होती है।
प्रो. गिरीश भाई ने कहा कि जीवन में उमंग उत्साह का आधार सोच को सदैव श्रेष्ठ रखना है। सच्ची समाज सेवा के बारे में बहुमूल्य जानकारी देते हुए श्रेष्ठ वक्ता के गुणों पर प्रकाश डाला। देह-अभिमान के मैंपन से मुक्त होकर निर्भय स्थिति के माध्यम से की गई सेवा अवश्य ही फलीभूत होती है। देही अभिमानी स्थिति से हम मंच पर आकर भयभीत नहीं होंगे। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विषय पर गहराई से अध्ययन करके फिर ही उस विषय पर बोलना चाहिए।
प्रो. स्वामीनाथन भाई ने मन की एकाग्रता के साथ अष्ट शक्तियों का बहुत ही सुंदर गहराई से स्पष्टीकरण कर उन्हें जीवन में अंगीकृत करने के सुगम उपाय सुझाये।
आदरणीय अवतार भाई ने आदिरतनों द्वारा सेवाओं की शुरुआत कैसे हुई उसकी विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए यज्ञ के पूर्वजों दीदी मनमोहिनी, दादी प्रकाशमणि, समाज सेवा प्रभाग की संस्थापक अध्यक्ष दादी चंद्रमणि, संतरी दादी आदि के जीवनचरित्र से अवगत कराते हुए सेवा के क्षेत्र में दिव्यगुणों को समाहित करने पर बल दिया।
आदरणीय प्रेम भाई ने सच्चाई-सफाई से भगवान के साथ का अनुभव विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सत्यता ही हमारे जीवन का मूल आधार है। जितना जीवन सत्य के पथ पर अग्रसर होगा उतना ही सत्यम शिवम सुन्दरम शिव बाबा के दिलतख्त पर बैठ सकते हैं।
आदरणीय गीता बहन ने अचल स्थिति बनाने की विधि बताते हुए कहा कि जीवन में सुख-शान्ति का आधार तीन बिंदियों के स्मृति होकर रहना है। आत्मा बिंदी, परमात्मा बिंदी और ड्रामा बिंदी के वास्तविक अर्थ को समझकर ही अचल अडोल स्थिति अनुभव की जा सकती है।
आदरणीय वंदना बहन ने समस्त कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाज सेवा प्रभाग में आगामी सेवा योजनाओं के बारे में बताया। विशेष रूप से विशिष्ट व्यक्तियों के लिए आओ बनायें एक स्वर्णिम समाज विषय पर कार्यक्रम का आयोजन जिला व तहसील स्तर पर आयोजित करने की जानकारी देते हुए उसकी रूपरेखा बताई।
आदरणीय वीरेंद्र भाई ने समाज सेवा प्रभाग के द्वारा हो रही सेवाओं के बारे में जानकारी दी। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रभाग की ओर से देश भर में हुए विभिन्न कार्यक्रमों को वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया। चरखी दादरी से आए सुनील भाई ने प्रोजेक्टर के माध्यम से समाज सेवा प्रभाग की प्रदर्शनी से रूबरू कराया।
आदरणीय सुमन बहन (चंडीगढ़) ने अध्यात्म के द्वारा समाज सेवा विषय पर वक्तव्य देते हुए कहा कि एक दूसरे को आगे बढ़ाना ही आध्यात्मिकता है और इसी सेवा में ही समाज सेवा समाई हुई है।
आदरणीय डॉ. प्रेम मंसद भाई ने पावर ऑफ वायब्रेशन्स का प्रभाव विषय पर जानकारी देते हुए संपूर्ण स्वस्थ रहने के लिए शरीर और मन दोनों को शक्तिशाली सकारात्मक वायब्रेशन से भरपूर रखने की विधि बताई।
भट्टी के अंतिम दिन सभी भाई-बहनों ने अपने भट्टी के अनुभव को सांझा करते हुए भविष्य में भी इसी तरह के तपस्या व प्रशिक्षण कार्यक्रमों से सभी को लाभान्वित करने के सुझाव रखे।