जीवित रहने और खुद को बीमारियों से दूर रखने के लिए मौसम चाहे सर्दी का हो या गर्मी का, प्यास बुझाने के लिए पानी कितना ज़रूरी है, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन पानी को अगर सही तरह से ना पिया जाए, तो यह कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है। ज्य़ादातर लोगों में सबसे बुरी आदत होती है खड़े होकर पानी पीने की। लोग जल्दबाजी में कई बार खड़े-खड़े ही पानी पी लेते हैं। अगर आप भी इन लोगों में शामिल हैं तो अभी से संभल जाइए। आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से यह सीधे अंदर जाता है, इसलिए आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन लीवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंच पाते हैं। इससे आप जाने-अनजाने में कई बीमारियों को अपने पास बुला लेते हैं। इसका सबसे ज्य़ादा दुष्प्रभाव लिवर, किडनी और जोड़ों पर पड़ता है। इसलिए बेहतर है कि आप पहले ही इसके बुरे प्रभावों को जानकर अपनी सेहत का अच्छे से ध्यान रख सकें। यहाँ पर हम ऐसे ही कुछ दुष्प्रभावों को बता रहे हैं जो खड़े होकर पानी पीने से हो सकते हैं।
फेफड़ों को होता है नुकसान एनसीबीआई के एक अध्ययन के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से हमारे शरीर को सही तरह से पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। पानी हमारे सिस्टम से होते हुए बहुत तेजी से गुजर जाता है। इससे हमारे फेफड़ों और हृदय को भी नुकसान पहुंचता है क्योंकि खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाती है।
पाचन तंत्र को भी होता है नुकसान खड़े होकर पानी पीने का असर हमारे पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। क्योंकि इस तरह पानी पीने से यह तेज गति से भोजन नली से होते हुए सीधे पेट के निचले हिस्से पर पहुंच जाता है और दीवारों पर अधिक दबाव बनता है, जो हानिकारक है। इससे तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ जाता है और टॉक्सिन्स व बदहज़मी बढ़ती है।
किडनी के लिए हानिकारक जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो यह बिना फिल्टर हुए निचले पेट की तरफ तेजी से बढ़ता है। यह पानी में जमा अशुद्धियों को ले जाकर पित्ताश्य में जमा कर देता है, जो किडनी के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। इससे युरिनरी टे्रक्ट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
गठिया का खतरा बढ़ता है जब आप खड़े होकर गटागट पानी पी जाते हैं तो इससे नसें तनाव की स्थिति में आ जाती हैं। और यह शरीर से होकर जोड़ों में जमा हो जाता है। जो हड्डियों और जोड़ों को खतरे में डाल सकता है। इसकी वजह से जोड़ वाले हिस्से में तरल पदार्थ की कमी की वजह से दर्द के साथ कमज़ोरी आने लगती है। कमज़ोर हड्डियों के चलते व्यक्ति गठिया जैसी बीमारी से पीडि़त हो सकता है।
खड़े होकर पानी पीने से बढ़ता है तनाव इस बात पर हो सकता है कि आपको यकीन न हो, लेकिन खड़े होकर पानी पीने से आपका तनाव भी बढ़ सकता है। दरअसल, खड़े होकर पानी पिया जाए तो इसका सीधा असर हमारे तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है। इस तरह से पानी पीने से पोषक तत्व पूरी तरह से बेकार हो जाते हैं और शरीर तनाव में आ जाता है।
पानी पीने का सही तरीका क्या? एक्सपर्ट्स के अनुसार, पानी पीने का सही तरीका है बैठकर पीना। बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है। व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की आवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के ज़रिए शरीर से बाहर निकाल देता है। इसके लिए कुर्सी पर बैठें, पीठ को सीधा रखें और फिर पानी पिएं। इससे पोषक तत्व दिमाग तक पहुंचते हैं और मस्तिष्क गतिविधि में सुधार आता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इससे पाचन में सुधार आता है और पेट में सूजन या पेट फूलने की दिक्कत नहीं होती। बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं। घूंट-घूंटकर पानी पीने से पेट में एसिड का स्तर नहीं बढ़ता बल्कि खराब एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है।