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नया साल 2026- विश्व शान्ति और सुख-समृद्धि की शुभकामनाएँ

नए साल का आगमन केवल कैलेन्डर का बदलना नहीं, बल्कि चेतना का नवजीवन है। हर आत्मा के भीतर यह गहरी कामना होती है कि ”मैं और मेरा संसार सुखी हो, सबके जीवन में शान्ति, प्रेम और समृद्धि का प्रवाह हो।” यही सच्ची आध्यात्मिक शुभकामना है- ”सर्वे भवन्तु सुखिन:।”

  • 1. सबके लिए शुभभावना का संकल्प नए साल की पहली घड़ी में यह संकल्प रखें- ”मेरे प्रत्येक विचार से सब आत्माएँ सुख, शान्ति और शक्ति का अनुभव करें।” जब हमारा मन शुभभावना से भरा होता है तो वह वातावरण में सकारात्मक तरंगें फैलाता है। परमात्मा कहते हैं- ”विचार ही वायब्रेशन हैं और वायबे्रशन ही सृष्टि को बदलते हैं।” यदि हर आत्मा यह संकल्प ले कि मैं किसी के लिए बुरा नहीं सोचूँगा, तो धरती पर दु:ख, द्वेष और दु:ख के बादल अपने आप छँट जाएंगे।
  • 2. स्वयं सुखी बनकर दूसरों को सुख देना सुख बाँटने से घटता नहीं, बढ़ता है। परन्तु देने के लिए पहले स्वयं को भरना पड़ता है। इसलिए आत्मा को रोज़ परमात्मा से शक्ति और सुख का स्टॉक लेना चाहिए। जब आत्मा परमात्मा की याद में रहती है तो वह भीतर से इतनी भरपूर होती है कि उसकी दृष्टि, वाणी और कर्म से ही सुख की किरणें झलकती हैं। ऐसी आत्मा जहाँ भी जाती है, वहाँ शान्ति का वातावरण बन जाता है।
  • 3. विश्व शान्ति का वास्तिवक मार्ग विश्व शान्ति के लिए कोई राजनीतिक संधि या भौतिक साधन पर्याप्त नहीं, क्योंकि यह युद्ध बाहर नहीं, पहले मन में होता है। इसलिए मन की शान्ति ही विश्व शान्ति की नींव है। राजयोग ध्यान के माध्यम से जब आत्मा अपने मूल स्वरूप- ”शान्ति में स्थित होती है तो वही शक्ति विश्व को शान्त बनाती है।” हर आत्मा यदि प्रतिदिन पाँच मिनट ”वल्र्ड पीस मेडिटेशन” करे, तो वातावरण में अद्भुत परिवर्तन संभव है।
  • 4. सभी के जीवन में समृद्धि और संतुलन समृद्धि का अर्थ केवल धन नहीं, बल्कि संतुलन और संतोष है। जो आत्मा अपने विचारों, समय और संबंधों में संतुलन रखती है, वही सच्ची समृद्धि है। इस नये साल में यह संकल्प लें- ”मैं जो भी प्राप्त करूँ, उसे ईश्वर का दान मानकर कृतज्ञ हूँ।” कृतज्ञता ही समृद्धि का द्वार खोलती है।
  • 5. विश्व के प्रति शुभदृष्टि और दुआएं सबसे सुंदर उपहार जब हम किसी को दुआ देते हैं, तो वह दुआ पहले हमें ही आशीर्वाद देती है। इसलिए इस नए साल 2026 में हर आत्मा के लिए शुभकामना करें- ”सभी आत्माएँ स्वस्थ, सुखी, शान्तिपूर्ण और समृद्ध रहें।” यह एक ऐसा संकल्प है जो आत्मा को हल्का, पवित्र और प्रसन्न बना देता है।

नया साल केवल खुशियों का त्योहार नहीं, बल्कि आत्मा के नव-जागरण का पर्व है। इस वर्ष हम सब मिलकर यह दिव्य संदेश फैलाएँ- ”सब सुखी रहें, सब निरोग रहें, सबका जीवन शान्ति और समृद्धि से भरा रहे।” जब हर आत्मा शुभ भावना से भरेगी, तब सचमुच धरती पर स्वर्ग का आरंभ होगा। यही है 2026 का सच्चा आध्यात्मिक उपहार- सुख, शान्ति और समृद्धि से भरा विश्व।

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