मुख पृष्ठओम शांति मीडियानये साल 2026 की तैयारी और संकल्प

नये साल 2026 की तैयारी और संकल्प

नया साल केवल कैलेंडर का पन्ना नहीं बदलता, बल्कि यह अपने जीवन में नया दृष्टिकोण और नयी स्थिति बनाने की प्रेरणा देता है। परमपिता परमात्मा चाहते हैं कि हम इस वर्ष को केवल सांसारिक उत्सव तक सीमित न रखें, बल्कि इसे आध्यात्मिक परिवर्तन और नये युग की तैयारी का वर्ष मनाएं।

आत्मिक स्मृति में जीना – सबसे पहले हमें ये संकल्प लेना है कि इस वर्ष हर परिस्थिति में आत्मिक स्मृति को नहीं भूलना है। मैं आत्मा हूँ, परमात्मा की संतान हूँ- यही पहचान हमारे जीवन की असली ताकत है। जब हम आत्मा की स्थिति में रहते हैं तो किसी भी स्थिति का दबाव हमें विचलित नहीं करता।

बाबा से अटूट सम्बन्ध – नये साल की सबसे बड़ी तैयारी है- बाबा से अटूट और गहरा सम्बन्ध बनाना। केवल समय निकालकर योग नहीं, बल्कि हर क्षण योग का अभ्यास करना है। बाबा चाहते हैं कि बच्चे चलते-फिरते, काम करते, सम्बन्ध निभाते हुए भी ‘मेरा मन बाबा में’ की स्थिति बनाए रखें। ये स्थिति हमें शक्तिशाली बनाएगी।

संकल्पों की शुद्धता – नया साल अपने संकल्पों की जाँच और शुद्धि का समय है। सोचें- मेरे विचार, मेरे बोल और मेरे कर्म क्या बाबा की अपेक्षा अनुसार हैं? यदि कोई कमज़ोरी है तो उसे बदलने का पक्का और दृढ़ संकल्प करें। बाबा हमसे चाहते हैं कि हर संकल्प शुभ और कल्याणकारी हो, जिससे वातावरण भी शुद्ध हो।

सेवा में नवीनता – नये साल की तैयारी का अर्थ है- सेवा में नवीनता लाना। बाबा चाहते हैं कि हम हर आत्मा तक शान्ति और प्रेम का संदेश पहुंचाएं। इसके लिए हमें नये-नये माध्यम अपनाने होंगे- डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, व्यक्तिगत संपर्क और छोटे-छोटे प्रोग्राम तथा कॉन्फ्रेंसेज़, डायलॉग आदि। सेवा से आत्मा संतुष्ट और तृप्त रहती है।

स्थिति की मजबूती – 2026 में हमारा मुख्य लक्ष्य होना चाहिए- अपनी स्थिति को इतना मजबूत बनाएं कि कोई भी परिस्थिति हमें हिला न सके। चाहे बाहर कितनी भी अशान्ति हो, दु:ख हो, भय वाला वातावरण हो लेकिन भीतर का मन हर पल शान्ति में स्थिर रहे। कैसा भी वातावरण का प्रभाव हो पर हमारे मन को विचलित न करे। यही स्थिति बाबा की सच्ची संतान की पहचान है।

प्यारे भाइयों और बहनों, नया साल अपने आप को बदलने और परमपिता शिव परमात्मा के करीब आकर उनसे अपना सम्बन्ध जोडऩे का सुनहरा अवसर है। बाबा हमसे चाहते हैं कि हम उनकी मददगार आत्माएं बनें- शान्ति के दूत और सुख के दाता। तो आइये, इस वर्ष का संकल्प लें कि- ”मैं अपनी स्थिति को इतनी ऊंचा बनाऊंगा कि मेरा हर विचार, बोल व कर्म परमपिता शिव परमपिता को प्रत्यक्ष करने और उनसे सभी आत्माओं की मुराद पूरी करने वाला हो।”

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments