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अलीराजपुर: शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सोडवा में युवा सशक्तिकरण व नशा मुक्ति कार्यक्रम

आत्मा के अंदर शांति की शक्ति मौजूद होती है वह सत्य असत्य का निर्णय करती है- ब्रह्माकुमारी प्रतिभा            

अलीराजपुर,मध्य प्रदेश। हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि “हम खुद को ही नहीं जानते”, शायद हम अपनी प्रकृति या मूल स्वभाव को ही नहीं जानते या फिर शायद जानते हुए भी अनजान है।

जिस तरह हमें पता है कि पानी का स्वभाव तरल होता है, उसी तरह क्या हमें पता है कि मनुष्य का मूल स्वभाव क्या है? क्या है हमारा मूल स्वभाव….आत्म बोध….

 हर व्यक्ति के अन्दर एक शांत शक्ति मौजूद है जिसे हम अपनी अंतरआत्मा कहते है। यह अंतरात्मा हर परिस्थति में सही होती है। यह अंतरात्मा हमेशा हमें सही रास्ता दिखाती है।

 जब भी हम कुछ गलत कर रहे होते है, तब हमें बड़ा अजीब सा लगता है जैसे कोई यह कह रहा कि वह कार्य मत करो। यह हमारे अन्दर मौजूद आतंरिक शक्ति ही होती है जो हमें बुरा कार्य करने से रोकती है।

 कहा जाता है कि हर मनुष्य के अन्दर ईश्वर का अंश होता है, यह ईश्वर का अंश हमारी अंतरआत्मा ही होती है। हमारी प्रकृति या स्वभाव – शांत, शक्ति, प्रेम, सुख, आनंद, पवित्रता, ज्ञान, सद्भाव, दूसरों की सहायता और अच्छाई है। यह विचार ब्रह्माकुमारी प्रतिभा बहन ने शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोंडवा  के छात्र-छात्राओं को भारत सरकार के जी-20 कार्यक्रम के अंतर्गत युवा सशक्तिकरण व नशा मुक्त जीवन विषय पर संबोधित करते हुए बताया कि

 हर मनुष्य के अन्दर यह शांत और अद्भुत शक्ति मौजूद है, चाहे वह एक अपराधी हो या संत या और कोई व्यक्ति। लेकिन फिर क्यों एक संत सही मार्ग पर चलता है और अपराधी गलत मार्ग पर? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि संत को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनाई देती है लेकिन अपराधी को वह आवाज अब सुनाई नही देती।   दरअसल जब हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना कर देते है तो हमारा अपनी अंतरात्मा से संपर्क कमजोर हो जाता है।

 जब हम दूसरी बार कुछ बुरा करने जा रहे होते है तो हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज फिर महसूस होती है लेकिन इस बार वह आवाज इतनी मजबूत नहीं होती क्योंकि हमारा अपनी अंतरात्मा से संपर्क कमजोर हो चुका होता है। 

 जैसे जैसे हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना करते जाते है वैसे वैसे हमारा अपनी अंतरात्मा के साथ संपर्क कमजोर होता जाता है और एक दिन ऐसा आता है कि हमें वो आवाज बिल्कुल नहीं सुनाई देती। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रिंसिपल गिरधरलाल राठौड़ ने बताया की युवा सशक्तिकरण व पढ़ाई में राजयोग मेडिटेशन का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है, आज पूरा भारत ही नहीं विश्व यह योग विद्या सीख रहा है। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी प्रतिभा बहन ने सभी छात्र-छात्राओं से हाथ खड़ा कर नशा मुक्त, व्यसन मुक्त जीवन अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। कार्यक्रम के अंत में सभी को राजयोग का गहन अभ्यास कराया गया।

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