झोझूकलां: ब्रह्माकुमारी वसुधा व ज्योति बहन ने बांधा रक्षा सूत्र

0
119

झोझूकलां (हरियाणा):रक्षाबंधन के पावन पर्व पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा सामाजिक सद्भावना एवं रक्षाबंधन विषय को लेकर चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत झोझूकला स्वास्थ्य व पुलिस कर्मियों के साथ-साथ थाना प्रभारी चंद्रशेखर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ अभिमन्यु को स्वस्थ व सुखी समाज निर्माण के संकल्प के साथ ब्रह्माकुमारी वसुधा व ज्योति बहन ने बांधा रक्षा सूत्र। इस अवसर पर झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि आज हमें अपनी नकारात्मक प्रवृत्तियों से रक्षा करने की आवश्यकता है जिसके लिए सहज साधन मेडिटेशन राजयोग है उन्होंने कहा हम समाज को तभी स्वस्थ व सुखी बना सकते हैं जब हम खुद सुख शांति आनंद आदि आंतरिक शक्तियों से भरपूर होंगे और यह आध्यात्म के द्वारा ही संभव है। इस अवसर पर थाना प्रभारी एसएचओ चंद्रशेखर ने कहा कि आज के भौतिकता की भागदौड़ में मानसिक शांति की अति आवश्यकता है जो आध्यात्मिकता व मेडिटेशन से सहज प्राप्त कर सकते हैं उन्होंने युवाओं को नशा मुक्त बन चारित्रिक मूल्यों के बंधन में बंध समाज को श्रेष्ठ बनाने का लिए कहा। सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अभिमन्यु ने कहा कि आज व्यक्ति को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता है इसके लिए आध्यात्मिक मूल्यों में खुद को बांधना होगा तभी हम तनाव मुक्त, डिप्रेशन मुक्त जीवन जी सकते हैं।  झोझू महिला महाविद्यालय मैनेजमेंट कमेटी अध्यक्ष धर्मवीर सिंह ने कहा की सामाजिक सद्भावना के लिए हमें मानवीय मूल्यों में बंधना होगा। इस पावन अवसर पर द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फौगाट ने रक्षा सूत्र बंधवाते हुए कहा कि युवाओं को शारीरिक रूप से मजबूत होने के लिए खेलों को अपनाना चाहिए खेल हमें एकता व आपसी प्रेम भावना के बंधन में बांधते हैं।इस   दौरान ब्रह्माकुमारी बहनों ने जनमानस सहयोग फाउंडेशन के संस्थापक प्रसिद्ध समाज सेवी महादेव बलाली,सांगवान खाप तेरह के प्रधान सूरजभान, महिला महाविद्यालय, जन कल्याण शिक्षा समिति के पदाधिकारी प्रधान धर्मवीर सिंह, मांगेराम साहब शीशवाला, हरिकिशन, सोम एडवोकेट, पंचायत समिति सदस्य कविता, बलकेश मास्टर संजू आदि प्रबुद्ध जनों को परमपिता परमात्म स्मृति  का ईश्वरीय सूत्र बांध, मधुरता का प्रतीक मिठाई खिलाई व आत्म स्मृति का तिलक लगाया तथा जीवन में एक दिव्य गुण धारण करने और एक अवगुण त्यागने का संकल्प भी दिलाया।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें