नारायणपुर (छत्तीसगढ़):
अपनी समस्या को समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की बहुत आवश्यकता है। समस्याओं का कारण ढूढने की बजाए निवारण ढूढ़े। मन के विचार ही वास्तव में बीज है। नकारात्मक विचारो का बीज व्यवहार ,कर्म , भावना , संस्कार , सम्बन्ध सबको नकारात्मक बनता है | सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताया। उक्त उदगार माउंट आबू के बी के भगवान भी जी ने आहूजा पैलेस में खुशहाल जीवन हेतु तनाव मुक्ति सकारात्मक विचार विषय परकहा |
उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता है।यदि हमारे विचार सकारात्म है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिए हमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए।
कमलजीत सिंह आहूजा जी ने कहा कि वर्तमान की परिवेश में हर एक को किसी न किसी बात का तनाव जरूर होता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज द्वारा बताई गई बातों को अमल में लाकर तनाव से मुक्त रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अपनी सकारात्मक सोच बनाकर जीवन को सफलता दिलाते है। इसीलिए अपने सोच को सदा सकारात्मक रखें।
भगवान भाई ने मनोबल, आत्मबल बढ़ाने के लिए राजयोग का अभ्यास भी कराया गया |
बी के दीपाली बहन ने ॐ ध्वनी कराइ और ॐ ध्वनी का महत्व भी बताया उन्होंने ने बताया हम कोन ,परमात्मा कोन राजयोग का महत्व भी बताया |
बस्तर संभाग के ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की प्रभारी बी केमंजूषा बहन जी ने कहा कि मन बुद्धि के द्वारा चांद सूर्य से पार रहने वाली परम शक्ति को मन बुद्धि से याद कर उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है |
प्रसून पुरोहित जी ने भी अपना उद्बोधन दिया |