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जगदलपुर: क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता – भगवान भाई

जगदलपुर (छत्तीसगढ़):

क्रोध से मानसिक तनाव बढ़ता है।  क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है |क्रोध मुर्खता से शुरू होता और  कई वर्षो के बाद के पश्चाताप से समाप्त होता है | क्रोध के कारण मनोबल और आत्मबल कमजोर हो जाता है |क्रोध ही अपराधो के मूल कारण बन जाते है | वे स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र पर तनाव मुक्त क्रोध मुक्त जीवन विषय पर बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा कि  मन में चलने वाले नकारात्मक विचार, शंका, कुशंका, ईर्ष्या, घृणा, नफरत अभिमान के कारण ही की उत्पति होती है | क्रोध से दिमाग गरम हो जाता है जिससे दिमाग में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ उतरते है और इससे ही मानसिक बीमारियां , शरीर की अनेक बिमारिया हो जाती है जीवन में रूखापन आता है  | क्रोध से ही आपस में सम्बधो में कडवाह्ट आती है , मन मुटाव बढ़ जाता है | उन्होंने कहा की क्रोध से घर का  वातावरण ख़राब हो जाता है और  पानी के मटके भी सुख जाते है | जहा क्रोध है वहा बरकत नही हो सकती है | इसलिए वर्तमान में क्रोध मुक्त बनाना जरुरी है | क्रोध करने से ही अनिद्रा , अशांति जीवन में आती है तनाव बढ़ता है जिससे  व्यक्ति नशा व्यसनों के अधिन हो जाता है |

मुख्य अतिथि भ्राता लच्छुराम कश्यप पूर्व विधायक जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा वर्तमान में मनुष्य जीवन में लक्ष्य निर्धारित नहीं होता इसलिए मनुष्य तनाव में आता है और तनाव से जीवन समाप्त होता है |

विशिष्ट अतिथि भ्राता दिनेश कागोल अध्यक्ष रोटरी क्लब जी ने कहा कि मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता  हे | यदि हमारे विचार सकारात्म है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिए हमें सबसे पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए।

विवेक सोनी जी रोटरी क्लब जी ने भी अपना उद्बोधन दिया

स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की संचालिका बी के मंजूषा बहन जी ने राजयोग की विधि बताते हुआ कहा कि स्वंम को आत्मा निश्चय कर चाँद, सूर्य, तारांगण से पार रहनेवाले परमशक्ति परमात्मा को याद करना, मन-बुद्धि द्वारा उसे देखना, उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग हैं । राजयोग के द्वारा हम परमात्मा के मिलन का अनुभव कर सकता हैं । उन्होनें कहा की राजयोग के अभ्यास द्वारा ही हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, नफरत आदि मनोविकारों पर जीत प्राप्त कर जीवन को अनेक सद्गुणों से ओतपोत व भरपूर कर सकते हैं।

कांकेर ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की संचालिका बी के रामा बहन जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया |

कार्यक्रम में बी के सपना बहन ,बी के चंद्रमणि बहन जी गुलदस्ता और तिलक लगाकर स्वागत किया |

कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन किया | काफी भाई बहनों ने इस कार्यक्रम का लाभ लिया |

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