नरहरपुर: ब्रह्माकुमारी की शाखा का शुभाप्रारंभ

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मानसिक क्रोध से बढ़ता है तनाव-बी.के. भगवान भाई नरहरपुर (छत्तीसगढ़)

नरहरपुर (छत्तीसगढ़):

क्षणिक क्रोध या आवेश मनुष्य को कभी न सुधरने वाली भूल कर बैठता है। क्रोध से मानसिक तनाव बढ़ता है।  क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है |क्रोध मुर्खता से शुरू होता और  कई वर्षो के बाद के पश्चाताप से समाप्त होता है | क्रोध के कारण मनोबल और आत्मबल कमजोर हो जाता है |क्रोध ही अपराधो के मूल कारण बन जाते है | उक्त उदगार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू राजस्थान से आये हुए बी के भगवान भाई ने कहे| वे नरहरपुर में ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र  नई शाखा के उद्घाटन के अवसर पर तनाव मुक्ति हेतु सकारात्मक चिंतन विषय पर बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा कि  मन में चलने वाले नकारात्मक विचार, शंका, कुशंका, ईर्ष्या, घृणा, नफरत अभिमान के कारण ही की उत्पति होती है | क्रोध से दिमाग गरम हो जाता है जिससे दिमाग में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ उतरते है और इससे ही मानसिक बीमारियां , शरीर की अनेक बिमारिया हो जाती है जीवन में रूखापन आता है  | क्रोध से ही आपस में सम्बधो में कडवाह्ट आती है , मन मुटाव बढ़ जाता है | उन्होंने कहा की क्रोध से घर का  वातावरण ख़राब हो जाता है और  पानी के मटके भी सुख जाते है | जहा क्रोध है वहा बरकत नही हो सकती है | इसलिए वर्तमान में क्रोध मुक्त बनाना जरुरी है | क्रोध करने से ही अनिद्रा , अशांति जीवन में आती है तनाव बढ़ता है जिससे  व्यक्ति नशा व्यसनों के अधिन हो जाता है |

उन्होंने क्रोध मुक्ति बनने के उपाय बताते हुए कहा कि सकारात्मक चिंतन से ही हम सहनशील बन क्रोध मुक्त बन सकते है | सकारात्मक चिन्तन से हमारा मनोबल को मजबूत बन सकता हैं। सकारात्मक चिन्तन द्वारा ही हम क्रोध मुक्त और तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। सकारात्मक चिंतन से सहनशीलता आती जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। है।

भगवान भाई जी ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक विचारों का स्रोत बताते  हुए कहा कि वर्तमान में हमे आध्यात्मिकता को जानने की जरुरी है आध्यात्मिकता की परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा स्वयं को यर्थात जानना, पिता परमात्मा को जानना, अपने जीवन का असली उद्देश्य को और कर्तव्य को जानना ही आध्यात्मिकता है। आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा सकारात्मक विचार मिलते है  जिससे हम अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है।

मुख्य अतिथि भ्राता मुकेश संचेती जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा वर्तमान में सकारात्मक विचारो की आवश्यकता है ।सकारात्मक विचार ब्रह्माकुमारी जैसी शाखा द्वारा मिलेंगे ।उन्होंने ब्रह्माकुमारी की नई शाखा को अपनी शुभकामाना दिया ।

विशिष्ट अतिथि प्राचार्या अल्का वर्मा जी ने कहा ब्रह्माकुमारी का प्रभाव मै बचपन से सुनती हूं ।आज नरहरपुर इसकी शाखा खुली है  आज आनेवाले समाज और वर्तमान के लोगो को यह शाखा द्वारा दिव्य संस्कार मिलेंगे । उन्होंने अपनी शुभ कामनाएं दिया।

बस्तर संभाग के  ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की संचालिका बी के मंजूषा बहन जी उन्होनें कहा कि वर्तमान इस तनाव पूर्ण परिस्थिति का सामना कर हमे हेल्दी, वेल्दी और हैप्पी रहने हेतु राजयोग मेडिटेशन बहुत ही आवश्यक है ।राजयोग मेडिटेशन द्वारा ही हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, नफरत आदि मनोविकारों पर जीत प्राप्त कर जीवन को अनेक सद्गुणों से ओतपोत व भरपूर कर तनाव मुक्त बन सकते हैं।

कांकेर ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की संचालिका बी के रामा बहन जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया |

कार्यक्रम में बी के यूश बहन प्रभारी ब्रह्माकुमारी केंद्र  चारामा,बी के सानू बहन जी प्रभारी ब्रह्माकुमारी केंद्र पखांजूर ने  गुलदस्ता और तिलक लगाकर सभी का  स्वागत किया |

कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन किया | काफी भाई बहनों ने इस कार्यक्रम का लाभ लिया |

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी केंद्र पखांजूर , चारामा,कांकेर के काफी  भाई बहनों ने  इस कार्यक्रम का लाभ लिया।

कार्यक्रम के पूर्व नई शाखा का उदघाटन माउंट आबू के बी के भगवान भाई, बी के मंजूषा बहन, बी के रामा बहन के कमल हस्तो से रीबिन, फीता काटकर किया गया

कार्यक्रम के अंत में नरहरपुर नगर पंचायत द्वारा माउंट आबू के बी के भगवान भाई , बी के मंजूषा बहन का सम्मान बस्तर संभाग सेवाओ के मैमेंटो देकर किया गया ।

इस कार्यक्रम में कांकेर के बी के अज्जु भाई , बी के नितेश भाई ,विक्रांत भाई, तरुण भाई,दिलीप भाई, रामनारायण भाई ,सावंत भाई भानुप्रतापपुर के राजेंद्र भाई,सीता बहन,अनुसूया बहन ,मीना पटेल उपस्थित थे l

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