रायपुर: व्यक्ति, वस्तु और वैभव से प्राप्त सुख अल्पकालिक- ब्रह्माकुमारी जयन्ती कृपलानी दीदी

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ब्रह्माकुमारी जयन्ती कृपलानी दीदी ने सिन्धी समाज को अध्यात्म से जुडऩे का आह्वान किया।
– मुम्बई से आए लोकप्रिय सिन्धी गायक जतिन उदासी का गायन हुआ।
– छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग और छ.ग. सिन्धी अकादमी ने मिलकर किया आयोजन।
– रायपुर के बाल कलाकारों ने प्रस्तुत किया सिन्धियों का अमर बलिदान नामक नृत्य नाटिका।

रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ शासन का संस्कृति विभाग, छ.ग. सिन्धी अकादमी और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित रूहानी सिन्धी सम्मेलन में बोलते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती कृपलानी दीदी लन्दन ने कहा कि मनुष्य की इच्छाएं अन्तहीन होती हैं। वह सारी जिन्दगी चाहिए चाहिए करता रहता है। हम सुख को देहधारियों में ढूंढ रहे हैं। किन्तु वस्तु और वैभव से प्राप्त सुख अल्पकालिक होता है। जब हम स्वयं को आत्मा समझकर परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ते हैं तब जीवन में पवित्रता, सुख और शान्ति की प्राप्ति होती है। आत्मा स्वयं को भरपूर अनुभव करती है।

उन्होंने आगे कहा कि सुखी रहना है तो अध्यात्म को जीवन में अपनाना होगा। गीता में कहा है कि मन ही अपना मित्र और मन ही शत्रु है। राजयोग से हम मन को अपना दोस्त बना लेते हैं। राजयोग के लिए स्वयं की और परमात्मा की पहचान जरूरी है। आस्ट्रेलिया में कुछ घोड़े को ट्रेनिंग देने वाले लोग मेडिटेशन सीखने के लिए आए थे। उनसे जब पूछा कि घोड़े को कैसे प्रशिक्षित करते हो तब उन्होने बतलाया कि हम घोड़े को पहले प्यार करके अपना दोस्त बनाते हैं फिर जब वह हमारा कहना मानने लगता है तब उसे प्रशिक्षित करते हैं। उसी प्रकार हमें भी मन को दोस्त बनाना सीखना होगा। मन ठीक रास्ते पर चलेगा तो जीवन में सुख-शान्ति आएगी। उन्होंने कहा कि जैसे अन्धकार के बाद सूर्योदय होता है वैसे अब कलियुग के बाद सतयुग आना ही है किन्तु उसके लिए हमें सत्य की राह पर चलना होगा।

उन्होंने कहा कि सिन्धी समाज की यह विशेषता है कि दुनिया में जहाँभी जाते हैं वहाँ पानी में शक्कर की तरह घुल मिल जाते हैं। ब्रह्माकुमारी संस्थान की शुरूआत सिन्ध हैदराबाद से हुई थी। विभाजन के पश्चात यह संस्था भारत में आ गयी और राजस्थान के माउण्ट आबू में अपना मुख्यालय बनाकर सेवा शुरू की। लन्दन, अमेरिका, कनाडा, हांगकांग आदि अनेक देशों में ब्रह्माकुमारी संस्थान के सेवाकेन्द्र खोलने में सिन्धी समाज का अहम योगदान रहा है।

सम्मेलन को शदाणी दरबार रायपुर के उदय शदाणी, गोदड़ीवाला धाम की महन्त मीरादेवी खूबचन्दानी, छ.ग. सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष राम गिडलानी, छ.ग. पूज्य सिन्धी पंचायत के अध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरानी, चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी आदि ने भी सम्बोधित किया। साथ ही अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी का अभिनन्दन किया गया।

उज्जैन सम्भाग की निदेशिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने स्वागत भाषण दिया। अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने की। संचालन जयपुर की निदेशिका ब्रह्माकुमारी चन्द्रकला दीदी ने किया।

रूहानी सिन्धी सम्मेलन में लोगों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। देश-विदेश में लोकप्रिय सिन्धी गायक जतिन उदासी का गायन हुआ। साथ ही रायपुर के बाल कलाकारों द्वारा सिन्धियों का अमर बलिदान नामक नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत किया गया।

रूहानी सम्मेलन के पश्चात कल से शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में 29 सितम्बर से सुबह एवं शाम को 7 से 8.30 बजे बजे नि:शुल्क सात दिवसीय राजयोग एवं तनाव मुक्ति शिविर होगा।

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