बाबा प्रतिज्ञा करते हैं, बच्चे तुम याद करो तो तुम्हारे विकर्म विनाश कर दूंगा। परन्तु कई हैं जो प्रतिज्ञा तो करते हैं लेकिन पालन नहीं करते। बाहर लोग गुरु को देख प्रतिज्ञा करते हैं फिर पालन नहीं किया तो पश्चाताप होता है। वेस्ट ऑफ टाइम। हमारा बाबा कितना प्यारा, मीठा, भोला है। जितना वो भोला है, मीठा है उतना हम सब प्यार से दृढ़ संकल्प करें, बाबा! बस, करके दिखायेंगे, यह भी कहने की ज़रूरत नहीं है। बहुत सारे बच्चों को बाबा ने देख लिया। सुबह को कुछ और, शाम को कुछ और। यहाँ बैठे तो झोली भर दी, बाहर गये तो खाली। परन्तु ज्ञान माना समझ, समझ माना सच्चा बनना। जिसको सच मिला वो झूठ को क्या करेंगे! प्रतिज्ञा नहीं करेंगे, सच मिला ना। मुट्ठी पकड़कर नहीं रखी है, पर मुट्ठी में मिला क्या? जो कोई भी बात को पकड़के रखता है वो कुछ नहीं ले सकता। देने वाला दे रहा है, लेने वाला ले नहीं सकता।
जो कोई बात भूल नहीं सकता, वह माफ भी नहीं कर सकता। माफ करने के लिए धैर्यता चाहिए। ताली दो हाथ से बजती है, अगर दूसरा कोई भूल करता है तो ज़रूर मैंने भी कुछ की होगी। परन्तु मुझे अभूल बनने का पुरुषार्थ करना है। भूल में भूल नहीं करो। कोई मर्यादा के अनुसार नहीं चला तो भूल हुई, पर मुझे मर्यादा में चलना है। न मैं रुकूं, न किसी को रोकूं। भगवान जाने वो जाने, तुम बीच में क्यों आता है। भूलें औरों की, उसको हम याद करें और करायें तो चक्कर में आ गयी ना! किसकी भी भूल को याद करना, यह बड़ी भूल है। बाबा नहीं याद रहेगा। इसमें पेशेन्स से अपने को सिखाना है। किसी ने भी कुछ किया, अरे तुम्हारा यह सीखने का टाइम है, तुम्हारी यह स्टूडेंट लाइफ है।
बाबा ने कहा तुम मुझे याद करो, तुम्हारे विकर्म विनाश कर दूंगा। अभी मेरे को कोई विकल्प भी न आये। व्यर्थ संकल्प भी न आयें। विकल्प तो विकर्म कराए बिना छोड़ेगा नहीं। मुझे विकर्माजीत बनना है, तो पॉवर आ गई। प्रतिज्ञा नहीं की, पर बनना ही है, कब बनना है? अभी बनना है तो बाबा मदद करेगा। और की हुई भूलें माफ कर देगा। अपने संकल्प की क्वालिटी को ऊंची बनाते जाओ। निश्चय के बल वाली बनाते जाओ। संकल्प में निश्चय का बल हो। कमी के साथ जि़न्दा नहीं रहना है, कमियों को जीते जी खत्म करना है। सम्पन्न बनके मरना है। तो पहले धीरज से अपने को सिखाओ, औरों के लिए भी धीरज रखो। उसके लिए सहनशीलता चाहिए। ऐसी सहनशक्ति हो, जैसे किसी ने थप्पड़ मारा, पर मुझे लगा ही नहीं, मेरा बाबा इतना रक्षक है, यह अनुभव है।