हल्दिपोखर: वर्तमान की परिक्षाए भविष्य की परीक्षाओं का आधार – भगवान भाई

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हल्दिपोखर (झारखण्ड):

परीक्षा के समय अपनी सकारात्मक सोच रखे | परीक्षा का डर मन से निकालिए |समय का सदुपयोग करे |अपना हैण्ड रायटिंग अच्छा और स्पष्ट लिखे |किसी का कापी राइट ना करे आत्मविश्वास से लिखे  |उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे वेगुरु गोविन्द सिंह खालसा सीनियर सेकंडरी स्कुल में वर्तमान परीक्षाओं में और जीवन की परीक्षाओं पास होने के टिप्स  विषय पर बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान की परिक्षाए भविष्य की परीक्षाओं का आधार है जो वर्तमान की परीक्षाओं पास होगा वः भावी जीवन की परीक्षा में भी पास होगा | उन्होंने बताया की भावी परीक्षा हेतु सद्गुणों की अच्छे सस्कारों की आवश्यकता है | शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष है जब तक हमारे जीवन रूपी वृक्ष में गुण रूपी फल नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है | समाज अमूर्त होता हैं और प्रेम,सद्भावना,भातृत्व,नैतिकता एवं मानवीय सद्गुणों से सचालित होता हैं।

उन्होंने कहा गुणवान बच्चे देश कि सच्ची सम्पति है | नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक व आत्मबल प्रदान करता है । । नैतिक शिक्षा ही मानव को ‘मानव’ बनाती है क्योंकि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य हैं चरित्र का  निर्माण  करना, असत्य से सत्य की ओर ले जाना, बंधन से मुक्ति की ओर जाना लेकिन आज की शिक्षा भौतिकता की ओर ले जा रही है |

प्रिंसिपल- बोरमिता जी ने कहा  भौतिक शिक्षा से भौतिकता की प्राप्ति होती है और नैतिक शिक्षा से चरित्र बनता है | इसलिए वर्तमान के समय प्रमाण भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो को नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है । स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र की ओर से बी के गोपाल भाई जी कहा कि जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है स्वयं को जानना .पिता परमात्मा को जानना और उसको याद करना ही आध्यात्मिकता है जिसको राजयोग कहते है | कार्यक्रम की शुरुवात स्वागत से की गयी  और अंत में बी के भगवान भाई जी ने परीक्षा का डर निकलने हेतु और मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेंडिटेशन भी कराया |

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