नये साल में कुछ नया कैसे करें !

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चार दिन बाद, पाँच दिन बाद वो संकल्प खत्म हो जाता है। इसीलिए बहुत लोग न्यू ईयर रेज़ोलूशन मनाते हैं और चार दिन उस पर काम करना बंद कर देते हैं। तो कारण ये है कि हमको उसका एक्सप्लेनेशन चाहिए। उससे फायदा क्या होगा और उससे उन्नति कितनी होगी। तो पहले से ही उस दृश्य को, उस विज़न को हमने अपने अन्दर डाल लिया तो वो बार-बार मुझे फोर्स करेगा, बार-बार ये कहेगा कि ये काम करो।

अभी का जो समय चल रहा है और अभी का जो सफर रहा है, इस सफर में सभी ने कहीं न कहीं, किसी न किसी बात में सफर किया। कईयों ने बहुत एन्जॉय किया और कईयों ने अपने आपको बहुत अच्छी तरह से निखारा। कईयों को स्वयं को चेक करने का मौका मिला। लेकिन कहीं-कहीं बोर भी हुए। अब आने वाला समय 2024 है जिसमें हम सभी उन बातों को आज शायद याद न करना चाहें जो इस साल में हुई। लेकिन जो हमारी प्रोग्रेस है, जिसने अपने ऊपर काम करके अपने को निखारा है, उन लोगों के लिए तो कोई भी साल नया साल ही होता है। अब बात ये है कि हर साल ऐसे ही हम बहुत सारे संकल्प लेते हैं और उन संकल्पों को पूरा करने के लिए हम अपने आपको तैयार भी करते हैं। लेकिन उन संकल्पों का असर कुछ दिन के बाद खत्म हो जाता है। कारण उसके पीछे क्या है कि जो चीज़ हमें हर समय याद रहे उसके लिए पुरुषार्थ पूरे साल का होता है न कि एक दिन का। लेकिन उस संकल्प पर दृढ़ रहने के लिए, उस संकल्प से जितनी भी बातें जुड़ी हुई हों उसको करना बहुत ज़रूरी है।
एक उदाहरण ले लें कि मुझे अपने आपको पूरी तरह से पॉवरफुल बनाना है, शक्तिशाली बनाना है। उसकी चार-पाँच कैटेगिरी बना लीजिए। चार-पाँच कैटेगिरी माना उसके चार-पाँच एरिया हैं, स्पिरिचुअली स्ट्रॉन्ग बनाना है, फिजि़कली स्ट्रॉन्ग बनाना है, मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाना है। ऐसे ही इमोश्नली स्ट्रॉन्ग बनाना है। ऐसे ही चार-पाँच आस्पेक्ट्स लाइफ के आपने लिख लिए। तो पहले संकल्प को एक्सप्लेन करना बहुत ज़रूरी है,

उसको परिभाषित करना बहुत ज़रूरी है। जैसे ही आपने उसको परिभाषित किया, जैसे ही आपने अपने आपको उसके साथ जोड़कर रखा, परिभाषित किया तो क्या होगा कि वो चीज़ आपके ज़हन में हमेशा रहेगी। लेकिन सिर्फ संकल्प लेना और उसको पूरी तरह से एक्सप्लेन करके अपने अन्दर नहीं डालना तो ये जो चीज़ है ये हमको आगे बढऩे से रोकती है।
चार दिन बाद, पाँच दिन बाद वो संकल्प खत्म हो जाता है। इसीलिए बहुत लोग न्यू ईयर रेज़ोलूशन मनाते हैं और चार दिन उस पर काम करना बंद कर देते हैं। तो कारण ये है कि हमको उसका एक्सप्लेनेशन चाहिए। उससे फायदा क्या होगा और उससे उन्नति कितनी होगी। तो पहले से ही उस दृश्य को, उस विज़न को हमने अपने अन्दर डाल लिया तो वो बार-बार मुझे फोर्स करेगा, बार-बार ये कहेगा कि ये काम करो। जिससे हमारी प्रोग्रेस निश्चित रूप से होनी ही है। तो इस तरह से हम अपने आपको तैयार करके अपने आपको आगे बढ़ा सकते हैं।
नैचुरल रूप से ये फॉर्मूला बहुत काम करता है। एक्सप्लेनेशन जो चीज़ मुझको करनी है और क्यों करनी है उसको अगर हमने क्लियर कर दिया अपने माइंड के अन्दर, तो वो आपको हमेशा याद दिलाती रहेगी कि आपने इस समय ये संकल्प किया था। और कई बार ये भी है कि जब हम नये साल में जाते हैं तो जनवरी एक-दो मास हम बहुत अच्छी तरह से बिताते हैं और फिर और-और बातों में अपने आपको इन्वॉल्व कर लेते हैं। लेकिन आने वाला समय और भी क्रूशियल हो सकता है, आने वाला समय और भी उन बातों को भी लेके आ सकता है जिसके बारे में आपने सोचा नहीं है और उसकी पूर्व तैयारी यही है कि हम अपने आपको स्पिरिचुअली स्ट्रॉन्ग बनायें। जितना भी हो सके अपने मन को उन सारे अटैचमेंट्स से अपने आपको बाहर निकालें, नहीं तो इन सारे मोह के धागे, या अटैचमेंट्स जिनसे हमारी एफिशिएंसी(क्षमता) लो हो गई, यही हमको बहुत तकलीफ देंगे। तो जितना हम अपने आपको स्पिरिचुअली स्ट्रॉन्ग बनायेंगे, बनाते चले जायेंगे उतना आने वाला समय चाहे कैसा भी हो, चाहे अच्छा हो, चाहे बुरा हो। जैसा भी हो उसमें हम अपने आपको पॉवरफुल बनाके आगे बढ़ा सकते हैं, शक्तिशाली बना सकते हैं। इसका बहुत ही सरल तरीका है शुभचिंतन करें। शुभ चिंतन के महत्त्व को जानें व उसका प्रयोग स्वयं पर कर अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएं। साथ ही साथ शुभ चिंतक बन औरों के कल्याण का सोचें। इससे आपके पास दुआएं बढ़ती जायेंगी, जो आपको आगे बढ़ायेंगी।
इसी शुभभावना के साथ आने वाला वर्ष आपको नयी खुशियां दे, नया जीवन दे, नये तरीके से जीवन जीना सिखाए और आप वो सबकुछ पाएं जो इस वर्ष में अधूरा रह गया हो, और वो वर्ष आपके लिए नवयुग की तरह ही लाइट हाउस बनकर आपको राह दिखाये। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत मुबारक।

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