मंडी डबावली: शिक्षक समाज के शिल्पकार है -भगवान भाई

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मंडी डबावली (हरियाणा):

शिक्षकों के हाव भाव उठना, बोलना, चलना, व्यवहार करना इन बातो का असर भी बच्चों के जीवन में पडता है ।  अब समाज को शिक्षित करने  व शिक्षा देने के स्वरूप को बदलने की आवश्यकता है | स्वयं के आचारण से शिक्षा देने की आवश्यकता है | आचरण की शिक्षा जबान में भी तेज होती है । उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे | वे भगवान श्रीकृष्ण शिक्षण महिला महाविद्यालय भावी शिक्षक को बी एड के प्रथम वर्ष की छात्राएं और  शिक्षको को आदर्श शिक्षक और शिक्षको की समाज परिवर्तन की भूमिका विषय पर बोल रहे थे |

भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी अगर बच्चे बिगड रहे हैं  उसका मतलब मूर्तिकार में भी कुछ कमी है । उन्होंने कहा कि शिक्षक के अंदर के जो संस्कार है उनका विद्यार्थी अनुकरण करते हे । शिक्षकेां को केवल पाठ पढाने वाला शिक्षक नही बनना है । उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंदर सदगुणों का आचरण होना आवश्यक है । शिक्षा मे भौतिक सुधार तो है लेकिन नैतिकता का हृास होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपने जीवन की धारणाओं के आधार से नैतिक पाठ भी आवश्यक पढाये।

 भगवान भाई ने कहा कि बिगड़ती परिस्थिति को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता हैं । शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है । स्वयं की धारणाओं से वाणी, कर्म, व्यवहार और व्यक्तित्व में निखार आ जाता है। शिक्षक शिल्पकार है आदर्श शिक्षक आदर्श समाज का निर्माण कर सकता है |   उन्होंने कहा कि  एक दीपक से पूरा कमरा प्रकाशमान होता है तो क्या पूरे जिले को मूल्य निष्ठ शिक्षा से प्रकाशित हम सब मिलकर नहीं कर सकते हैं? अब आवश्यकता है सेवाभाव की ।

प्रिंसिपल डॉक्टर पूनम गुप्ता जी ने  कहा कि परिवर्तन करने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है, शिक्षकों को स्वयं को आचरण पर ध्यान देने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ तनाव मुक्त रहने की भी आवश्यकता है । उन्हेांने बह्मकुमारी द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान की सराहना की ।

स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र की संचालिका बी के कमलेश  बहन जी ने बी के भगवान भाई का परिचय देते हुए कहा की बी के भगवान भाई जी ने 5000 स्कुलो और 800 जेलों में नैतिक शिक्षा और सकारात्मक चिन्तन , अपराध मुक्त का पाठ पढ़ाकर अपना नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स दर्ज करा चुके है |

डॉक्टर कमलेश यादव जी ने मंच संचालन किया और कहा एसे कार्यक्रम से समाज में जागृति आएगी।

कार्यक्रम में  श्रीमती सिमता सेतिया, ममता, सरोज के साथ सभी शिक्षक स्टाफ उपस्थित था |

बी के बलजीत सिंह भाई भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में मेडिटेशन भी कराया गया |

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