मनकी बातें – राजयोगी ब्र.कु. सूरज भाई

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प्रश्न : मेरा नाम दीपाली है। मेरी 28 लोगों की एक ज्वॉइंट फैमिली थी। मेरा सबके साथ बहुत प्यारा रिलेशन था। लेकिन पिछले कुछ समय से उनका जो व्यवहार है मेरे प्रति बिल्कुल चेंज हो गया है और उसके कारण हम अलग भी हो गए हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है ऐसा क्यों हुआ, अब मैं बहुत दु:खी और बीमार रहने लगी हूँ। इसका क्या समाधान हो सकता है कि मैं अपनी इस शारीरिक बीमारी से भी दूर होऊं और मेरे जो रिलेशन थे सबके साथ वो पुन: प्यारे हो सकें?
उत्तर : बड़े संगठन में एक समस्या आम होती है भले आपकी फैमिली 28 लोगों की है, लेकिन हर मनुष्य अलग-अलग होगा। संगठनों में मनुष्य एक चीज़ का शिकार हो जाया करते हैं वो है ईर्ष्या, द्वेष, मुझे नहीं पता कि आपकी स्थिति क्या है। ईर्ष्या के ही कारण दूसरों को देख कर खुश नहीं होते।
एक बहुत अच्छा ईश्वरीय महावाक्य आपको याद रखना चाहिए, स्व स्थिति श्रेष्ठ होगी तो परिस्थितियां स्वत: ही बदल जायेंगी। आपके सामने ये बात आई है तो निश्चित रूप से किसी मनुष्य की बहुत महिमा होती है तो उसे ग्लानि के लिए भी तैयार रहना ही चाहिए। सदा इस संसार में महिमा किसी की नहीं होती है। सदा ही किसी की निंदा भी नहीं होती। इसलिए पहली चीज़ है आप अपने को हल्का करें। और इसके कारण जो आपने अपने ऊपर ज्य़ादा ले लिया है, जिसके कारण आपको टेंशन रहने लगी है, एनीमिक हो गई हैं। बीपी भी हो गया है। मनुष्य को पता क्या होता है वो अनुमान ज्य़ादा लगाता है। और सोचता ज्य़ादा है। बात कुछ और होती है और सोचता कुछ और है। ज्य़ादा सोचने की आदत छोटी बात को बड़ा बना देती है। इसलिए इससे बचना चाहिए। आपने बहुत अच्छे दिन देखे हैं लेकिन बुरे दिन हमें बहुत कुछ सिखाते भी हैं। अगर हम ये लक्ष्य रख लें कि हमें अपने मन की स्थिति को बिगाडऩा नहीं है, तो वो जो बुरी चीज़ें हमारे सामने आ रही हैं वो हमारे बहुत अच्छे शिक्षक बन जायेंगी। हमें बहुत पॉवरफुल बनाने का आधार बन जायेंगी। और हम फिर आगे बढ़ जायेंगे। क्योंकि बुरे दिन सदा ही नहीं चला करते, खत्म हो जाते हैं।
आप हर रोज़ सेवाकेन्द्र पर ईश्वरीय महावाक्य सुनने जायें। उससे क्या होता है सवेरे-सवेरे जब हम अच्छी-अच्छी बातें सुनते हैं तो उनके प्रभाव से जो निगेटिविटी होती है वो समाप्त हो जाती है। आपको एक काम और करना है, आपके घर में जो वायब्रेशन थोड़े निगेटिव हो गये हैं चाहे आपके कारण हो गये हैं या फिर दूसरों ने क्रिएट कर दिए होंगे। अब आप वहाँ बैठकर कुछ अच्छे वायब्रेशन क्रिएट करेंगी। और इसकी विधि मैं बता रहा हूँ, आप अपने घर में पाँच बार तो शिव बाबा का, ब्रह्मा बाबा का आह्वान करें। बहुत प्यार से निमंत्रण दें कि आप हमारे घर में आ जाओ और फील करो कि दोनों आकर खड़े हो गये हैं। उनके अंग-अंग से किरणें फैल रही हैं। और जैसे पूरा घर उस प्युअर एनर्जी से भर गया है। 1-2 मिनट भी करेंगी तो आपको बहुत सुखद अनुभव होगा।
दूसरे कुछ स्वमान के अभ्यास हैं- जैसे मैं मास्टर ज्ञानसूर्य हूँ, मेरे अंग-अंग से रंग-बिरंगी किरणें फैल रही हैं। इसका कई बार अभ्यास कर लें, घर में वातावरण बदलने लगेगा। दूसरा स्वमान है, मैं पवित्रता का फरिश्ता हूँ, मुझसे पवित्र किरणें निकल पूरे घर में फैल रही हैं। तीसरा संकल्प है, मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। मुझसे शक्तियों की किरणें पूरे घर में फैल रही हैं। ये तीन संकल्प और बापदादा का आह्वान ये चारों चीज़ें पाँच बार अवश्य कर लें। इससे आपके घर का वातावरण बहुत अच्छा हो जायेगा। सवेरे उठें और अपने 27 मेम्बर्स को आत्मिक दृष्टि से देखें। ये भी आत्मा, ये भी आत्मा, ये भी चमकती ज्योति, ये भी चमकती ज्योति, फिर संकल्प करें कि ये सब बहुत अच्छी आत्मायें हैं। और ये सब मुझे बहुत प्यार करते हैं तो इससे क्या होगा उनके अन्दर जो निगेटिविटी भर गई है वो धीरे-धीरे समाप्त हो जायेगी।

प्रश्न : मैं अजीत हूँ। मेरी प्रॉब्लम ये है कि मैं अमृतवेले नहीं उठ पाता हूँ और रात को योग करके भी सोता हूँ लेकिन फिर भी मेरी सुबह ये प्रॉब्लम बनी रहती है। रात को सोते समय बहुत बुरे विचार चलते हैं और कई बार मैं गलत कार्य कर लेता हूँ। मैं क्या करूँ?
उत्तर : देखिये ये बहुत युवकों की समस्या हो गई है। क्योंकि बहुत युवकों का जीवन अनेक बुरी आदतों से ग्रस्त हो जाता है। अब वो बतायें भी किसको। ना माँ को बता सकते, ना टीचर्स को, तो वो घुटते रहते हैं। कईयों को तो ऐसी गन्दी आदत लग जाती है कि बस वो उसके ऐसे शिकार हो जाते हैं जैसे शराबी शराब के वश हो जाता है। हम आपको अवश्य मदद करना चाहेंगे। पहली प्रैक्टिस तो ये करनी है कि कोई भी गन्दी पुस्तकें नहीं पढऩी हैं। बैन लगा दें अपने ऊपर कि न कोई गन्दी पिक्चर देखनी और न कोई गन्दी किताबें पढऩी हैं। न कोई जो ऐसी गन्दी बातें करते हैं उनके संग में आना है।
रात को सोने से पहले एक तो आप पानी को चार्ज करके पियेंगे। पानी को दृष्टि दें और सात बार संकल्प करें कि मैं परम पवित्र आत्मा हूँ, पानी में प्युअर वायब्रेशन भर गये फिर इसको पियेंगे और संकल्प करेंगे कि इससे मेरी नींद बहुत अच्छी हो, मेरी नींद स्वप्न रहित हो, स्वप्न आयें तो वो बहुत सतोप्रधान स्वप्न हों। बहुत सुन्दर स्वप्न हों। दूसरा सोने से पहले आपको 15 मिनट मेडिटेशन अवश्य करना है। घूम-फिर के करें तो बहुत अच्छा। और उसमें भी पाँच स्वरूपों का अभ्यास।
आप पाँच स्वरूपों से अच्छी तरह से परिचित हैं ही। पाँच स्वरूपों का अभ्यास करने से मन में आनंद की लहरें उठने लगती हैं। और जब मन आनंदित होता है तो ये जो बुरी आदतें मनुष्य को लगी हुई हैं ये छूटने लगती हैं। बाकी ये विशेष बुरी आदत से छूटने के लिए आपको दिन में भी कभी 15 मिनट खास अभ्यास करना है। मैं परमपवित्र आत्मा हूँ और शिव बाबा की पवित्रता की किरणें मुझपर आ रही हैं। और जैसे अपने मन को आदेश दे दें कि मैं स्वराज्य अधिकारी भी हूँ, क्योंकि ये गन्दी आदतें मन में हैं। संस्कार भी मन में रहते हैं कि मैं तो अब परमपवित्र आत्मा हूँ, अब मुझे ऐसा कोई काम नहीं करना है जो पवित्रता के विपरित हो। मैं तो देवत्व को प्राप्त करने वाली देव कुल की आत्मा हूँ। ऐसे बार-बार संकल्प अपने अन्दर भरने से आपको मदद मिलेगी। और इस 15 मिनट के स्पेशल योग से आपमें बल आयेगा। इसके प्रति अपने आपको पूरा डेडिकेट कर लें कि ये तो मुझे करना ही है। तो थोड़े अभ्यास से इसमें सफलता हो जाती है।

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