सकारात्मक शक्तियों का पावर हाउस परमात्मा है- ब्रह्माकुमारीज
सकारात्मक सोच रूपी चुंबक सफलता को हमारी ओर आकर्षित करेगा
छतरपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज के युवा प्रभाग की इस वर्ष की थीम ‘मेरा भारत, स्वस्थ भारत’ विषय के अंतर्गत शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (एमएलबी) छतरपुर में छात्राओं के संस्कार सृजन एवं उनके अंदर परीक्षा के भय और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कार्यक्रम किया गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रीना बहन ने कहा कि चुंबक में कितना बल होता है कि वह लोहे को अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है लेकिन यदि चुंबक का चुंबकीय बल खत्म हो जाए तो वह एक छोटे से टुकड़े को भी आकर्षित नहीं कर सकती ठीक इसी प्रकार हमारे अंदर भी चुंबकीय गुण है और वह चुंबकीय गुण हमारे सकारात्मक संकल्प है, हमारी सोच है, यदि हमारी सोच सकारात्मक है, शुभ है तो हम सफलता को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं लेकिन यदि हमारी सोच नकारात्मक है तो हम सफलता को अपने से दूर कर देते हैं। यदि हम सोचते हैं हम कर पाएंगे कि नहीं, हो पाएगा कि नहीं, परीक्षा में पास हो जाएंगे कि नहीं, यह नकारात्मक संकल्प हमें गिरा देते हैं इसकी जगह पर हम सोचे मैं कर सकता हूं, मेरे लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है और हम उसे संभव करने के लिए प्रयास करें तो सफलता हमारे कदम चूमेगी।
इस मौके पर बीके सुमन ने कहा की सकारात्मक शक्तियों का पावर हाउस परमात्मा है जितना हम भगवान का ध्यान करेंगे, मेडिटेशन करेंगे उतनी हमारी बुद्धि एकाग्र,शांत, शुद्ध होती जाएगी और उस शुद्ध, शांत बुद्धि में ही ज्ञान की बातें ठहरेगी और हम सफलता की ऊंचाइयों को पा लेंगे।
कार्यक्रम में एमएलबी प्राचार्य बहन सविता अग्रवाल, सीनियर व्याख्याता ऊषा उपाध्याय, ब्रह्माकुमारी परिवार से शिक्षक पंकज चौबे, दुष्यंत भाई उपस्थित रहे।
इसी तारतम्य में शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (सीएम राइज) में कार्यक्रम किया गया जिसमें बीके प्रीति बहन द्वारा बच्चों को अनेक प्रकार की एक्टिविटीज कराई गई। कार्यक्रम के अवसर पर प्राचार्य जीपी अग्रवाल, प्रधानाध्यापक मनीष जैन सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
दोनों विद्यालय के कार्यक्रम में बच्चे बहुत ही उत्साहित दिखे और बहनों की बातों को बड़े ध्यान से सुनते हुए उन्हें अनुसरण करने का दृढ़ संकल्प किया।कार्यक्रम के पश्चात बहनों ने ईश्वरीय सौगात एवं साहित्य भेंट किया।