सीहोर (मध्यप्रदेश):
भौतिक शिक्षा से हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन परिवार, समाज, कार्यस्थल में परेशानी या चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते है | युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बनकर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं, परंतु जब उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता | नैतिक शिक्षा से युवाओं को नई दिशा मिल सकती है | भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा | । उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए बी के भगवान भाई ने कहे | वे चंदेशेखर आजाद शासकीय महाविद्यालय के युवाओ को सकारात्मक चिंतन और नैतिक शिक्षा से सशक्त युवा विषय पर बोल रहे थे |
उन्होंने कहा कि भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा | नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक व आत्मबल प्रदान करता है । उन्होंने कहा की नैतिकता के अंग हैं – सच बोलना, चोरी न करना,अहिंसा, दूसरों के प्रति उदारता, शिष्टता, विनम्रता, सुशीलता आदि। नैतिक शिक्षा के अभाव के कारण ही आज जगत में अनुशासनहीनता, अपराध ,नशा-व्यसन, क्रोध,झगड़े आपसी मन मुटाव बढ़ता जा रहा |
भगवान भाई ने कहा की नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व में निखार, व्यवहार में सुधार आता है।नैतिक मूल्यों का ह्रास व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय समस्या का मूल कारण है। समाज सुधार के लिए नैतिक मूल्य जरूरी है।उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा की धारणा से, आंतरिक सशक्तीकरण से इच्छाओं को कम कर भौतिकवाद की आंधी से बचा जा सकता है। व्यक्ति का आचरण उसकी जुबान से ज्यादा तेज बोलता है। चरित्रवान , गुणवान युवा समाज और देश की नीव है
उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में श्रेष्ठ मू्ल्य है तो दूसरे उससे प्रमाणित होते हैं।जीवन में नैतिक मूल्य होंगे तो आदमी लालच, हिंसा, झूठ, कपट का विरोध करेगा और समाज में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा नैतिकता से मनोबल कम होता है।उनहोंने कहा कि मूल्यों की शिक्षा से ही हम जीवन में विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। जब तक हम अपने जीवन में मूल्यों और प्राथमिकता का निर्धारण नहीं करेंगे, अपने लिए आचार संहिता नहीं बनाएंगे तब तक हम चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते।
स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र की संचालिका बी के पंचशिला बहनजी ने कहा कि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है। उन्होंने कहा की जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है |
स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र की राजयोग शिक्षिका बी के संतोष बहन ने ब्रह्माकुमारी सस्था का परिचय भी दिया
प्रिंसिपल डॉ महेंद्र आयन्यास जी ने कहा नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक शिक्षा ही मानव को ‘मानव’ बनाती है |
विभाग अध्यक्ष डॉ ज्योति मिश्रा जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा की वर्तमान में युवाओं को संस्कारित बनाने की आवश्यकता है | उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था को ऐसे कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया |
इस कार्यक्रम में विभाग अध्यक्ष डॉ सुमन रोहिला , विनय मणि त्रिपाठी , डॉ ए.के.अहिरवार , बी के ज्योति बहन , बी के आकाश भाई , बी के महेश भाई और शिक्षक स्टाफ भी उपस्थित थे |
कार्यक्रम में के अंत में राजयोग मेडिटेशन कर सभी को गहरी शांति की अनुभूति कराई |