भोरा कलां: फाइनेंस प्रोफेशनल्स के लिए हुआ कार्यक्रम का आयोजन

0
143

– संस्कृति के उत्थान के लिए सनातन परम्पराओं और मूल्यों को धारण करने की आवश्यकता – सीएसबी. नरसिम्हन
ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ क्रिएटिंग ए कल्चर ऑफ वेल बीइंग
– फाइनेंस प्रोफेशनल्स के लिए हुआ कार्यक्रम का आयोजन
– सीए, सीएस, सीएमए एवं एडवोकेट्स सहित 200 से भी अधिक लोगों ने की शिरकत

भोरा कलां, गुरुग्राम,हरियाणा : ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में फाइनेंस प्रोफेशनल्स के लिए क्रिएटिंग ए कल्चर ऑफ वेल बीइंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में काफी संख्या में सीए, सीएस, सीएमए और एडवोकेट्स सहित 200 से भी अधिक लोग सम्मिलित हुए।  इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी  के अध्यक्ष सीएस बी. नरसिम्हन ने बतौर मुख्य अतिथि सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संस्कृति के कल्याण के लिए हमें मूल्यों और सनातन परम्पराओं को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में जागृति आयेगी। इस प्रकार का आयोजन एक नई चेतना का संचार करता है।

– श्रेष्ठ संस्कार ही श्रेष्ठ संस्कृति के निर्माण का आधार

श्रेष्ठ संस्कृति का निमार्ण विषय पर बोलते हुए संस्था के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन ने कहा कि आज मानव की पहचान उसके प्रोफेशन के आधार से होती है। जिस कारण मानव मूल्यों की पहचान खो गई है। श्रेष्ठ संस्कृति के निर्माण के लिए श्रेष्ठ संस्कारों की आवश्यकता है। जब हम ह्यूमन बीइंग कहते हैं तो बीइंग वास्तव में आत्मा का सूचक है। लेकिन बीइंग को भूलकर हम केवल स्वयं को ह्यूमन समझते हैं। शांति, प्रेम और आनंद जैसे मूल गुण वास्तव में आत्मा में निहित हैं। समाज और संस्कृति के कल्याण के लिए आत्मा के इन्हीं मौलिक गुणों की आवश्यकता है। आत्मिक गुणों को जागृत करने के लिए मन और बुद्धि का सम्बन्ध परमात्मा से जरूरी है।

– आध्यात्मिकता से ही होती है सकारात्मक चिंतन की शुरुआत

राजयोगिनी बीके योगिनी ने कहा कि अधिक वर्क लोड और कॉम्पिटिशन के कारण तनाव बढ़ रहा है। आज हम केवल बाहर की तरफ भाग रहे हैं। हमारी असली शक्ति आंतरिक स्वरूप में निहित है। आध्यात्मिकता ही हमें तनाव से मुक्त कर सकती है। आध्यात्मिकता एक सकारात्मक चिंतन की शुरुआत करती है। राजयोग के अभ्यास से सहज ही चिंता मुक्त बन सकते हैं।

डॉ. स्वाति, पार्टनर डिलॉइट, माइक्रोसॉफ्ट की सीएफओ रेखा तल्लूरी, सीए ऋषभ श्यामसुखा, सीए राज चावला, सीएमए निखिल गुप्ता एवं सीए अमित गुप्ता ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए।

संस्था के मुख्यालय माउंट आबू से आई एडवोकेट बीके लता ने राजयोग के अभ्यास से शांति की गहन अनुभूति कराई। बीके येशु ने मंच संचालन किया।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें