लेखक परिषद ने बीके उषा को “मां सरस्वती पुरस्कार” और शॉल भेंट कर सम्मानित किया
अबोहर,पंजाब: ब्रह्माकुमारीज संस्था की वैश्विक ख्याति प्राप्त प्रेरक वक्ता बीके उषा दीदी ने कहा कि सकारात्मक
सोच जीवन शैली को बदल सकती है। राजयोग भवन में खुशनुमा जिंदगी विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक
विचारों का मतलब जीवन में आने वाली चुनौतियों का सकारात्मक दृष्टिकोण से सामना करना है। आपको अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना होगा, अपनी नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलना होगा और अपनी सोचने की क्षमता को विकसित करना होगा। सकारात्मक सोच आपको आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती है। सकारात्मक सोच और सकारात्मक विचार आपको अन्य लोगों से अलग ले जाएंगे और आपको दूसरों से बेहतर कुछ करने में मदद करेंगे। कर्म का कोई मीनू नहीं है, जैसा बोओगे, वैसा काटोगे। जो लोग बड़ी सफलता हासिल करते हैं वे कभी भी बेकार की चीजों में समय बर्बाद नहीं करते, वे हमेशा रचनात्मक सोचते हैं और सफल होते हैं। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों द्वारा मोबाइल फोन का न्यूनतम उपयोग सुनिश्चित करें और भोजन करते समय पूर्ण प्रतिबंध लगाएं।
बीके उषा दीदी के आगमन पर केंद्र प्रभारी बीके पुष्पलता, बीके दर्शना व अन्य ने गर्मजोशी से स्वागत किया। मंच पर बीके शालू ने उषा दीदी और उनके साथ आए बीके शशि, बीके विजय कुमार और बीके रघु भाई का भी स्वागत किया। महक ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत करते हुए खूब तालियां बटोरी। बीके सुनीता ने स्वागत भाषण में कहा कि उषा दीदी ने अपने जन्मजात गुणों, क्षमताओं और परमपिता के आशीर्वाद से अपनी ताकत और विशिष्टता को एक सार्थक दिशा में केंद्रित किया है। वह व्यवहारिक अध्यात्म का एक व्यवहारिक उदाहरण है। नागरिकों की ओर से नगर निगम के मेयर विमल ठठई, बीएसएफ कमांडेंट एसके मिश्रा और उनकी पत्नी, अबोहर बार एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और एपेक्स क्लब के पदाधिकारियों ने उषा दीदी को गुलदस्ते और शॉल भेंट किए। लेखक परिषद ने बीके उषा को “मां सरस्वती पुरस्कार” और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।