मुख पृष्ठआजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओररायपुर: पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी

रायपुर: पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी

दादी जी की नि:स्वार्थ सेवाएं सदैव याद रहेगी… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर (छत्तीसगढ़): ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी जी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी। विधानसभा मार्ग पर स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर में अयोजित कार्यक्रम में दादी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और सभा में उपस्थित लोगों ने अपनी श्रद्घाजंलि दी।

इस अवसर पर बोलते हुए ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि दादी जी की नि:स्वार्थ सेवाएं सदैव याद रहेंगी।दादी जी हरेक ब्रह्मावत्सों के दिल में समाई हुई थीं। महज नौ साल की उम्र में ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ जाना और अपना समूचा जीवन समर्पित कर देना दादी जी के पुण्य कर्मों का परिणाम था। दादी जी ने अत्यन्त अल्पायु में ही शिवबाबा को पहचान लिया था। वह बहुत ही पवित्र और शुद्घ आत्मा थी। इसलिए परमात्मा ने उन्हें ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद अपना रथ बनाया।

उन्होंने आगे बतलाया कि दादी हृदयमोहिनी जी को दिव्यदृष्टि का वरदान प्राप्त था। वे बचपन से ही ध्यान में जाया करती थीं। उन्होंने अनेक गहन आध्यात्मिक रहस्यों पर से पर्दा उठाने में सहयोग दिया। ब्रह्माकुमारी संस्थान के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने लाखों लोगों का मिलन परमात्मा से कराया। उनको सच्ची श्रद्घाजंली यही होगी कि हम उनकी तरह सभी के लिए शुभ सोचें और सबको सुख प्रदान करें।

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