दिलाराम को दिल में बिठा लो तो सदा खुश रहेंगे

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सबके दिल में मीठा बाबा है। ऐसे है ना! क्योंकि मीठा बाबा नहीं दिल में होगा तो और क्या होगा? हमारे दिल का दिलाराम तो मीठा बाबा ही है ना! हरेक यही कहता कि मेरा बाबा। सभी ने बाबा को मेरा बनाया है ना! जितना बाबा में मेरापन लायेंगे तो सब मैलापन निकल जायेगा। कितने लोग याद आते हैं, किसको करो याद, किसको भूल जाओ लेकिन मेरा बाबा तो मेरे दिल में है ही, याद भी है ही। तो बस जब हरेक के दिल में बाबा आ गया तो समझो विजयी बन गये। जिसको दुनिया याद करती है, दुनिया याद करती है लेकिन मेरे तो दिल में आ गया। बस, मेरा बाबा के सिवाए और है कौन! अभी तो पक्का हो गया है ना। जब दिल में यह आता है कि मेरा बाबा तो शक्ल ही बदल जाती है। क्योंकि भगवान आ गया मेरे दिल में! कम बात थोड़े ही है।
खुशी कभी नहीं गंवानी क्योंकि ज्ञान की प्राप्ति है ही खुशी। कोई भी बात हो जाये, अब दुनिया में रहते हैं तो दुनिया की बातें तो आयेंगी ही ना, लेकिन हमारी दिल बाबा की है। तो खुशी कभी नहीं छोडऩा। हमेशा आपकी शक्ल ऐसे खुश दिखाई दे जो देखने से ही समझें यह कोई न्यारे दिखाई देते हैं। सबके चेहरे सदा खुश है ना कि कोई प्रॉब्लम है? आती है थोड़ी-थोड़ी प्रॉब्लम लेकिन प्रॉब्लम जो है ना वो बाबा को दे दो, बस। देना तो सहज है, लेना थोड़ा मुश्किल है लेकिन देना तो सहज होता है ना! जब मेरा बाबा हो गया, तो सब मेरे में समा गये। सदा खुश या कभी कभी? सदा। क्योंकि हमारे सिवाए और खुशी जायेगी कहाँ? उसका स्थान हम ही तो हैं जिन्होंने खुशी को अपना बनाया। तो हम खुश नहीं होंगे तो कौन होगा? प्रॉब्लम सारी बाबा को दे दी ना, तो सब खुश! अगर खुशी पूछना हो तो कहेंगे हमसे पूछो। तो खुश रहना है और खुशी बाँटनी है। अभी भी कोई-कोई खुश नहीं रहते हैं, दुनिया में कितने पड़े हैं। हाँ, ऐसे ही नहीं करते हैं पर कोशिश तो करते हैं ना! तो सभी खुश रहना और खुशी बाँटना।

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