देहरादून: “जीवन की चुनौतियों का समाधान ” विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता शिवानी दीदी के द्वारा प्रेरणादायक उद्बोधन

0
95

देहरादून,उत्तराखंड: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के देहरादून सेवा केंद्र द्वारा “जीवन की चुनौतियों का समाधान ” इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता एवं प्रेरणा स्रोत आदरणीय राजयोगिनी शिवानी दीदी के द्वारा एक बहुत ही प्रेरणादायक उद्बोधन दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन आदरणीया राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी , आदरणीय राजयोगिनी मीना दीदी एवं विधायिका बहन सविता कपूर जी , डॉ रेनू सिंह जी, निदेशिका फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट , सुनील उनियाल गामा जी, इंदर सिंह जी, अनीता जी, संगीता जी , सार्थक वोहरा जी,  द्वारा दीप प्रजवल्लन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम देहरादून वासियों के लिए एक बहुत ही अविस्मरणीय संयोग के रूप में याद रहेगा।

कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिवानी दीदी जी ने आज जीवन में आने वाली परिस्थितियों से हम किस प्रकार अपनी श्रेष्ठ सोच के द्वारा उनका सामना कर उनका समाधान कर सकते हैं इस विषय पर अपनी सरल और मधुर वाणी से हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध कर दिया।  बन्नू इंटर कॉलेज, रेस कोर्स, देहरादून में आयोजित आज की इस भव्य सभा में आए हुए सभी दर्शक शिवानी दीदी जी की बहुत ही सरल, एवं मधुर वाणी को लगभग 3 घंटे तक  लगभग 7000  श्रोता  एक टिक होकर सुनते रहे, सभा में छाया सन्नाटा ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आज तो मां सरस्वती ही धरती पर आकर ज्ञान की वर्षा कर रही हो। आदरणीय दीदी जी ने कहा की परिस्थितियां एक अंधेरे के समान हैं उस अंधेरे   को दूर वो दिया नही करेगा, वो दिया हमें खुद को बनना होगा,  हमे लेने वाला नहीं देने वाला बनना होगा तभी हम देव संस्कृति को प्रत्यक्ष कर सकेंगे।

उन्होंने आगे कहा की संकल्प से सृष्टि बनती है सृष्टि से संकल्प नहीं , इसलिए हमें पहले अपने अंदर स्वर्ग लाना है, फिर अपने घर में, फिर समाज में,  फिर संसार स्वर्ग बन जायेगा। कोई परिस्थिति हमे बाहर से परेशान कर सकती है, नुकसान पहुंचा सकती है लेकिन मेरे मन के अंदर कोई नही घुस सकता, अर्थात मेरे मन को कोई डिस्टर्ब नहीं कर सकता, अर्थात मेरी खुशी मेरे हाथ में है, मुझे अपने मन का मालिक बन कर रहना है , इसका रिमोट अपने हाथ में रखना है। आज जो भी हमारे साथ हो रहा है वो मेरे ही कर्म का फल है अतः आज जो वर्तमान मेरे हाथ में है उसे श्रेष्ठ रीति से बिताना है, भविष्य अपने आप अच्छा हो जाएगा, जिसने आज तक मेरे साथ कुछ भी गलत किया उसे मन ही मन क्षमा करें और उससे मन हीं मन क्षमा मांगे क्योंकि मेने भी कभी उसके साथ कुछ गलत किया था।  दुआएं देते जाए, देते जाए तो सब अच्छा अच्छा होता जायेगा।

कार्यक्रम में कुमारी परी ने स्वागत नृत्य से सभी का मन  मोह लिया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसमें विशेष रूप से रितिका राठौर जी, अनिल राठोर जी, डा विशाल शर्मा और आशा नौटियाल जी आदि उपस्थित रहे।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें