नागपुर: ब्रह्माकुमारीज् द्वारा वरिष्ठ नागरिक स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन

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नागपुर, महाराष्ट्र: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा इस वर्ष की थीम आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक स्नेहमिलन कार्यक्रम का आयोजन ब्रह्माकुमारीज् वसंतनगर स्थित सेवा केन्द्र पर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शंखध्वनी द्वारा तथा परमपिता परमात्मा की याद से की गयी। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रहीं कि ब्रह्माकुमारी संस्था के सभी 65 या 70 साल के ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन, मंच संचालन, स्वागत, नृत्य, लघुनाटिका सुखमय वृद्धावस्था, वक्तव्य, समारोप समारोह प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में तेजस्वीनी खाडे, डॉ. उज्वला देशमुख, डॉ रेखा सपकाळ, तथा श्री प्रकाश जी तळोले, भ्राता नारायण भाई, बी.के. सुकन्या बहन, ब्रह्माकुमार प्रेम प्रकाश भाई जी, नागपुर ब्रह्माकुमारीज की संचालिका बी.के. राजयोगिनी रजनी दीदी, सह संचालिका बी.के. राजयोगिनी मनिषा दीदी आदि उपस्थित थे। सभी अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता तथा स्वागत नृत्य के द्वारा किया गया। 
ब्रह्माकुमारीज् नागपुर विभाग कि संचालिका राजयोगिनी बी.के. रजनी दीदी ने उपरोक्त विषय पर अपने विचार सभी के समक्ष रखते हुए कहा कि, इस संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने आप सबको अपना हमजिन्स बनाया तथा निराकार परमात्मा ने आप सबको अपना गृहस्थ संभालने कि शक्ति भरी। उन्होंने बी.के. भाई बहन इस प्रोग्राम द्वारा ये संदेश दे रहे है कि जीवन कि इस अंतिम पडाव मे सबकी जीवन सुखमय और स्वस्थ हो जाये। उन्होने कहां समाज में वरीष्ठ नागरिकों के प्रति सोच बदलनी चाहीए। क्योंकि आज समाज में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति रवैया बहुत ही सूखा हो गया है। बुजुर्गों को अपने ही मान नही देते है। बुजुर्गों के पास अनुभवों की खान होती है जो हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती है।
तेजस्वीनी बहन खाडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, उम्र के इस पड़ाव में आकर हमने जाना है कि लौकिक रूप से की गई पढाई हमे इस समय काम में नहीं आ रही है। परंतु परमात्मा द्वारा बनाये जाने वाले मार्ग हेतु संस्कारों की धारणा आवश्यक है जो इस संस्था में हमे सीखने को मिला। अभी संस्कारों की कॉलेज मे मै आयी हुं। तथा सदा सकारात्मक रहेंगे तो सामने वाले को भी हमारे विचारों से सुख तथा आनंद की प्राप्ति होगी। अन्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ रेखा बहन सपकाळ ने स्वास्थ्य संबंधित बातोें को अवगत कराते हुए कहा कि, शरीर स्वस्थ रहेगा तो ही हम परमात्मा से योग लगा सकेंगे। उन्होंने भोजन और बीमारियों से संबंधित विषयों पर प्रकाश डाला। बी.के. सुकन्या बहेनजी ने कहा की मै 20 साल स्कुल में पढ़ाया मुझे लगता था मेरे पास बहुत ज्ञान है पर यहा आने के बाद पता चला इससे उंचा कोई ज्ञान नही है। 
ब्रह्माकुमारीज् नागपुर विभाग कि सह संचालिका राजयोगिनी बी.के. मनिषा दीदी ने बुर्जुगों को अनुभवों की खान कहां तथा वे सभी आदर और सम्मान के पात्र है। उन्होने कहां वर्तमान परिस्थिती अनुसार हर घर आज बुर्जुगों से खाली होता जा रहा है और वृद्धाश्रम भरते चले जा रहे है। यज्ञ इतिहास को याद करते हुये दीदी जी ने कहां निराकार परमात्मा ने भी एक वृद्ध तन का आधार ले समाज के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। डॉ उज्वला बहन देशमुख ने ज्ञान के कुछ सहज राज साझा करते हुए कहा कि सभी के जीवन में पंचकोष का महत्व है। उसमें से सबसे महत्वपूर्ण आनंदमय कोष है, जो हमे आत्मा का परिचय कराएं शरीर के भान से ऊपर ले जाता है। यहीं संदेश इस संस्था के द्वारा जन जन तक पहुचाया जा रहा है। वे ब्रह्माकुमारीज् संस्था से 1990 से जुड़े हुए है। 
कार्यक्रम का संचालन बी.के. राजलक्ष्मी बहन ने किया तथा विद्यालय का परिचय बी.के. प्रकाश भाई तळोले जी ने देते हुए कहां लक्ष्मीनारायण जैसी श्रेष्ठ गृहस्थी बनाने का इस विद्यालय का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि, संसार में जो चरित्र और श्रेष्ठ संस्कारों की जो गरीबी हटाने का काम महाविद्यालय करता है।  बी.के. नारायण भाई ने सभी अतिथीयोंका अपने शब्द सुमनों से स्वागत व्यक्त किया। ब्रह्माकुमार जयंत भाई जी ने अतिथियों का तथा बी.के. भाई बहनों का आभार व्यक्त कर सभी में उमंग उल्लास भर दिया। ब्रह्माकुमारीज संस्था के सभी वयोवृद्ध विद्यार्थियों के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन, मंच संचालन, स्वागत, नृत्य, लघुनाटिका, वक्तव्य, समारोप समारोह आदि सम्पन्न हुआ।

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