गाडरवारा,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय लक्ष्मी टाउनशिप प्रभु उपवन भवन में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए 10 दिवसीय उमंग समर कैंप रखा गया जिसका समापन समारोह पर भव्य कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें गाडरवारा क्षेत्र की संचालिका आदरणीय उर्मिला बहन जी एवं मुख्य अतिथि के रूप में कृष्णायन सेवा समिति के अध्यक्ष श्री कृष्णा महाराज जी एवं महिला बाल विकास अधिकारी उमा वर्मन जी एवं प्राचार्य जगमोहन शर्माजी, गिरीश पटेल बी. आर. सी.सांइखेड़ा ब्लॉक ,श्रीमती आरती राजपूत स्कूल अध्यापक, नयन शर्मा जी एवं बच्चों के पेरेंट्स भी उपस्थित रहे कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत एवं दीप प्रज्वलित कर की गई एवं ब्रह्माकुमारी अनुपमा दीदी जी के द्वारा संस्था का परिचय दिया। इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों को ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी जी अपने आशीर्वचन में कहा कि अनुशासन के बिना जीवन में कुछ भी प्राप्त नहीं हो सकता। किसी भी चीज को सीखने के लिये जीवन में जिज्ञासा होना बहुत आवश्यक है। जिज्ञासा ही एक ऐसा माध्यम है, जो सदा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रेरित करता है और एक न एक दिन सफलता के शिखर पर पहुँचा देता है और यदि मन में जिज्ञासा उत्पन्न होती है, तो उसे मन में छिपाकर रखने के बजाये किसी न किसी से शेयर जरूर करे क्योंकि शेयर करने से परेशानी का हल होता है एवं बच्चों को छोटी उम्र में मोबाइल का अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए , क्योंकि हमारे तन और मन दोनों के लिए नुकसान कारक है । समर कैम्प उमंग 2024 के समापन में मुख्य अतिथि श्री कृष्णा महाराज जी ने संस्था की सराहना करते हुए कहा कि बच्चे आप बहुत भाग्यशाली है। जो भगवान ने आपको चुना वही गिरीश पटेल जी ने कहा हमें किसी से कैम्पेरिजन व कॉम्पिटीशन नहीं करना चाहिये, क्योंकि जब हम दूसरों से अपनी तुलना करते है तो स्वयं को बहुत प्रेशराइज, दुःखी और तनाव में महसूस करते है महिला बाल विकास उमा बर्मन जी महिलाओं को स्वयं स्वस्थ रहकर आपने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए प्रेरणा दी । श्रीमती आरती राजपूत स्कूल अध्यापक जी ने भी अपने आशीर्वचन में कहां की समर कैंप तो दुनिया में बहुत होते हैं लेकिन आप बच्चे बहुत भाग्यशाली है जो ब्रह्माकुमारी के समर कैंप को अटेंड किया क्योंकि यहां संस्कार दिए जाते हैं, जिससे संस्कारवान राष्ट्र का निर्माण होता है । इस अवसर पर बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से भारत की प्राचीनतम संस्कृति एवं आधुनिक सभ्यताओं की सुंदर अभिव्यक्ति की गई एवं समर कैंप के बच्चों द्वारा लघु नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें सबको प्रेरणा मिलती है ,कि बच्चे जिस परिवेश में रहते हैं। वही सीखते हैं । हम किताबी ज्ञान कितना भी क्यों न दे लेकिन बच्चे वही सीखेंगे जो परिवार में देखते हैं । समर कैंप के दौरान हुए अपने अनुभवों को बच्चों ने साझा किया बच्चों के द्वारा गीत कविता एवं डांस की भी प्रस्तुति दी गई साथ ही ब्रह्माकुमारी अंजना दीदी जी के द्वारा मंच संचालन एवं बच्चों को राजयोग अनुभूति भी कराई गई।इसके पश्चात् समर कैम्प में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं और खेल स्पर्धाओं के विजेताओं को अतिथिओं द्वारा पुरूस्कृत किया गया साथ ही संस्था द्वारा सर्टिफिकेट भी दिए गए अंत में सभी को प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया।