करनाल (सेक्टर 7): ब्रह्माकुमारीज़ के ‘खुशियाँ आपके द्वार’ शिविर के चौथे दिन हरियाणा के मुख्य मंत्री की धर्मपत्नी बहन सुमन सैनी मख्य अतिथि रहीं

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करनाल (सेक्टर 7),हरियाणा: ब्रह्माकुमारीज़ के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे विख्यात मोटिवेशनल वक्ता प्रोफ. बीके ओंकार चंद भाई ने कहा कि जब हमारे साथ कोई अन्याय या कुछ गलत होता है तो हम उसे भुला नहीं पाते, उस दर्द से हम चिपके रहते हैं। उसे बार-बार याद करके हम अपने आप को ही सजा देते हैं। अब उस दुखद अतीत और दर्द से छुटकारा पाने का तरीका है माफ करना। इसलिए यदि किसी से हम बदला लेना चाहते हैं तो उसे क्षमा कर दें और यदि किसी को हमने कष्ट दिया हो तो उस से क्षमा याचना कर लें। सभी धर्म यही कहते हैं यदि हम क्षमा करेंगे तो भगवान भी हमें क्षमा करेंगे। अगर जीवन में कोई दान ना भी कर सकें तो क्षमादान तो कर ही सकते हैं। माफ कर देना या माफी मांगने से कोई इंसान छोटा नहीं बन जाता बल्कि और ही गुणवान बनता है। इसलिए क्षमा मांगने में अहंकार नहीं दिखाना चाहिए। अफसोस की बात है कि इंसान अपनी तो 1000 भूलों के लिए भी क्षमा चाहता है और दूसरे किसी की एक भूल भी माफ नहीं करना चाहता। यह बात उन्होंने ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेवाकेंद्र में खुशियाँ आपके द्वार विषय पर आयोजित 5 दिवसीय राजयोग मैडिटेशन शिविर के चौथे दिवस में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही। वो आज ‘क्रोध पर जीत ’ विषय पर अपने विचार रख रहे थे। गौर तलब है कि ये शिविर हररोज सुबह और शाम 5 बजे से 7.30 बजे तक निशुल्क आयोजित हो रहा है।
शिविर में अपने व्याख्यान में ब्रह्माकुमार ओंकार चंद ने कहा कि गुस्सा शक्ति नहीं है बल्कि कायरता है। शक्तिशाली तो वह है जो क्रोध का जवाब शांति, प्रेम व धैर्य से दे. दुनिया की ज्यादातर समस्याओं. अशांति, आंतकवाद, हिंसा, युद्ध,दंगों और लड़ाई झगड़े का मूल कारण क्रोध ही है। क्रोध की आग में जलकर कई घर राख व देश वीरान हो जाते हैं। क्रोध का एक क्षण जीवन बर्बाद कर
देता है। गुस्से का आरंभ मूर्खता से और समाप्ति पश्चाताप से होती है। गुस्से के अलग-अलग कारणों की चर्चा करते हुए ब्रह्माकुमार ओंकार ने कहा कि 30% गुस्सा इसलिए आता है कि लोग हमारी इच्छा अनुसार काम नहीं करते।
गुस्सा करने वाले व्यक्ति को हृदय व किडनी से संबंधित बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। उसकी कार्य क्षमता कम हो जाती है और उसे थकान महसूस होने लगती है। क्रोध से बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। क्रोध पर विजय पाने के लिए यह बात मन में पक्की तरह बैठा दें कि गुस्सा किसी भी समस्या का हल नहीं है। क्रोध से कभी काम बनते नहीं हैं बल्कि और ही बिगड़ जाते है।
कभी भी दूसरे का व्यवहार गुस्सा नहीं पैदा करता बल्कि हमारे विचार ही गुस्से का कारण बनते हैं, इसलिए अपने विचारों को सही करें।
शिविर में बहन सुमन सैनी वाइफ श्री नायाब सैनी मुख्य मंत्री हरियाणा ने अपने विचार रखते हुए कहा ब्रह्माकुमारीज के संस्थान से सीख लेनी चाहिए कि कैसे आपस में प्यार, सेवाभाव, और भाईचारे से रहा जा सकता है। हम अपने से पूछें कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है। हम यहां क्यों आये हैं, किसके लिए आए हैं. ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बिना कुछ खर्च किए जीवन के इन
सभी मूलभूत प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। इससे पहले म्यूजिकल एक्स्सरसाइज़ के साथ शिविर के चौथे दिवस का शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर श्रीमती सुमन सैनी वाइफ श्री नायब सैनी मुख्य मंत्री हरियाणा, श्री नवीन संदूजा बिजनेसमेन विशेष अतिथि के रूप में
उपस्थित रहे। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र की संचालिका बी के प्रेम बहनजी ने कहा कि तनाव हमें भीतर से खोखला कर रहा है। मन को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे विचारों का भोजन रोज़ सवेरे-सवेरे अपने मन को दें । लगभग 70
प्रतिशत बीमारियों का कारण तनाव है। सिर दर्द से हृदयघात तक तथा चमड़ी से लेकर हड्डी तक के रोग तनाव से हो सकते हैं । तनाव से निज़ात पाने के लिए सकारात्मक चिन्तन की ड्रिल प्रतिदिन करें। हमारे जीवन की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है जिसे छोटी-छोटी बातें भी हमारे में अक्सर तनाव पैदा कर रही हैं। तनाव में आकर हम गलत फैंसलें कर लेते हैं जिसके
बाद बहुत भयंकर परिणाम निकलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि तनाव मन का कैंसर है जो हमारे मनोबल को नष्ट कर देता है। तनाव प्रबन्धन के बजाए तनावमुक्त जीवन बनाना ज्यादा बेहतर होगा।
कदम कदम पर आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें तनाव से लड़ने की अपनी शक्ति को बढ़ाना होगा।
इस मौके पर नवीन संदूजा बिजनेसमैन ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था में आकर मुझे बहुत खुशी होती है और बार-बार यहां आने का दिल करता है। हम किसी को भी दुख ना दें, सभी को सुख देने का प्रयास करें तो हमारे रिश्ते अपने आप मधुर बन जाएंगे और जीवन खुशियों से भर जायेगा। जितना हम दूसरों का अच्छा करेंगे तो हमारा भी अपने आप हर कार्य अच्छा होने लग जाएगा। जो व्यक्ति अंदर से कमजोर होता है वही गुस्सा करता है। गुस्से की कमजोरी को दूर करने का टॉनिक ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा इस शिविर के माध्यम से दिया जा रहा है जो है बहुत ही सराहनीय कार्य है। इस मौके पर राज सिंह, डॉ धर्म दत्त शर्मा प्रिन्सिपल साइंटिस्ट्स ndri , डॉ नंद किशोर महानी , सुरेश मेहता , हरि कृष्ण मालिक, सुरेश गोयल,नंद लाल वर्मा राम नारायण अरोरा, हर्षवर्धन भटनागर, जीतेन्द्र गुप्ता, ललित सरदाना, नेहा अरोरा, रितेश विज, हरि कम्बोज, शिखा बहन, शिवका आरती, ज्योति, सारिका, सुनीता मदान इत्यादि उपस्थित थे।

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