छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज़ किशोर सागर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम

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हमारे जीवन के वजूद का आधार और हमारा भविष्य हमारी पृथ्वी ही है- बीके शैलजा

छतरपुर,मध्य प्रदेश। वृक्ष, पानी और शुद्ध हवा जीवन जीने की अनमोल दवाइस धरती का जो आवरण है वह धरती, जल, जंगल जीव, जंतु, जानवर जो इसमें रहते हैं वह सब मिलाकर एक प्रकार से यह आवरण है प्रकृति का और यह आवरण हर प्रकार से प्रदूषित हो गया है। हमारी धरती माता हम सबको अपने गोद में समेटे हुए हैं इसके सिवा कहीं पर भी जीवन संभव नहीं है। भले ही लोग कहते हैं कि किसी दूसरे ग्रह पर भी जीवन संभव है लेकिन जीवन के लिए जो आवश्यक तत्व हैं जल, ऑक्सीजन, वायु वह सभी धरती पर ही मिल सकता है। हमारी धरती माता हमें  फल, फूल, अनाज,सब्जियां सब देती है यह केवल इसी पृथ्वी पर ही संभव है। इस धरती को हरा भरा और खुशहाल बनाने के लिए हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए और सबको जागरूक करना चाहिए कि धरती को भी स्वच्छ रखें और अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर इसको संतुलित करें ताकि हमें भरपूर मात्रा में जल और इसके अलावा जीवन के लिए जो अनिवार्य तत्व है वह पूर्ण रूप से मिल सकें। प्रकृति ने हमें अभी तक दिया ही दिया है और दे ही रही है लेकिन अब हमारी बारी है कि उसे हम प्यार, सम्मान और सहानुभूति दें ताकि हमारे कारण यह जो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ा है उसमें फिर से सुधार हो सके।

उक्त उद्धार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने व्यक्त किए।

इस अवसर पर भाई बहनों द्वारा श्रमदान करके विद्यालय प्रांगण के बगीचे को पहले साफ किया गया और फिर सभी ने मिलकर उसकी गुड़ाई की तत्पश्चात सभी ने मिलकर वहां पौधे रोपित कर उनको एक साथ ताम्र पात्र के द्वारा जल देकर सिंचित किया।
इस मौके पर सभी ने हर महीने की 5 तारीख को किसी भी स्थान में जाकर श्रमदान कर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का और वृक्ष लगाने का संकल्प लिया तत्पश्चात सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने वृक्षों को राखी बांधकर उनकी रक्षा की प्रतिज्ञा की। कुमारी शिवांशी द्वारा प्रकृति गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम में नौगांव सेवाकेंद्र प्रभारी बीके नंदा, चंदला सेवाकेंद्र प्रभारी बीके भारती बीके रेखा, बीके कल्पना सहित सभी ब्रह्माकुमारी बहनें एवं भाई उपस्थित रहे।

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