अम्बिकापुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा गोल्डी बगिया फॉर्म हाउस में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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अम्बिकापुर,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय अम्बिकापुर के द्वारा गोल्डी बगिया फॉर्म हाउस में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस शुभ अवसर पर सरगुजा संभाग की सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी जी ने प्राकृतिक सौन्दर्यता का महिमा करते हुये कहा कि प्राचीन काल में ऋषि, मुनि, प्रकृति के सानिध्य में ही बैठकर तपस्या करते थे और साहित्य एवं काव्य भी लिखा करते थे परन्तु आज शहरों के अंदर घनी- घनी बस्तियाँ एवं ऊँची- ऊँची इमारतें होने के कारण प्रकृति के सानिध्य से बहुत दूर होता जा रहा है, और लोगों की दिनचर्या भी बदल गया है। देर रात सोना और लेट उठने के कारण सूर्य की किरणों का आंनद भी नहीं ले पाते है, इसी कारण मनुष्य का मन तनाव, परेशानी, अशांति और अनेक गम्भीर बीमारियों से ग्रसित होता जा रहा है। इन समस्याओं से निदान प्राप्त करने का एकमात्र उपाय मनुष्य को अपने दिनचर्या को थोड़ा चेंज करना चाहिये। सुबह जल्दी उठकर सूर्य की किरणों को ग्रहण करने से बीमारी ठीक होता है, मन खुश रहता है और तनाव भी दूर हो जाता है। आगे उन्होंने कहा कि प्रकृति हमारी माँ है, इसके बिना जीवन असंभव हैै, क्योंकि प्रकृति से सब कुछ प्राप्त होता है, हवा हमें श्वांस देती है, पेड़- पौधे अन्न प्रदान करते है, धरती का आंगन हमें अपनी गोद में बिठाकर रखी है और समुद्र से हमें निर्मल शुद्ध जल प्राप्त होता है, इसलिये हम लोगों को प्रकृति से बहुत प्रेम करना चाहिये, सुबह- सुबह उठकर प्रकृति को प्रणाम करना चाहिये और धन्यवाद करना चाहिये। किसी भी हाल में प्रकृति का शिकायत न करे, उसके द्वारा दिये जा रहे हर मौसम का आंनद उठाये ओैर प्रकृति को दुआयें दे ताकि वह दुआयें प्रकृति तक पहुँचे। अंत में उन्होंने प्रकृति में शांति और पवित्रता की वायब्रेशन फैलाने के लिये कॉमेन्ट्री से मेडिटेशन कराया जिससे पूरा वायुमण्डल शांत और पवित्रमय हो गया।
इस अवसर पर गोल्डी बगिया फॉर्म हाउस के मालिक विकास अग्रवाल जी ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिये पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, पहले से समय में लाखों- करोंडो वृक्ष हुआ करता था परन्तु वर्तमान समय उद्योगों और खनिजों को, कम्पनी और फैक्ट्ररी के चलते धीरे- धीरे पेड़ो की कटाई करते जा रहे है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि पेड़- पौधों को अधिक मात्रा में लगाये उसका पोषण करें, उसको बढ़ने दे, वृक्षों की कटाई न करे क्योंकि जितना अधिक वृक्षों से ही ट्रेम्प्रेचर कन्ट्रोल होगा एवं जीवन भी सुरक्षित रहेेगा।
सरगुजा संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी, ब्रह्माकुमारी बहनें एवं भाईयों तथा अग्रवाल के परिवार के द्वारा प्रकृति को सम्मान देने के लिये वृक्ष को राखी बाँधा गया एवं  20 फलदार वृक्ष लगाये गये।

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