मुंबई, घाटकोपर,महाराष्ट्र: सिंधी संस्कृति का उत्सव मनाते हुए, ब्रह्माकुमारीज योग भवन ने “प्यारा सिंधी” – प्रभु जी अख जा नूर सिंधी, एक आनंदमयी संध्या का आयोजन किया जिसमें गीत, संगीत, नृत्य, स्वादिष्ट भोजन और महान प्रेरणाएं शामिल रही । इस कार्यक्रम में लगभग 200 सिंधी भाई – बहनों ने भाग लिया |
इस कार्यक्रम का संचालन खुशी बुधवानी – दूरदर्शन के सिंधुधारा शो की एंकर, ग्राफिक डिजाइनर और सोशल मीडिया मैनेजर ने किया |
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शकु दीदी जी – ब्रह्माकुमारीज घाटकोपर सबजोन की अतिरिक्त निर्देशिका ने अपने स्वागत भाषण में सभी को प्रभु के घर सो अपने घर में स्वागत किया, जीवन के मूल्य को पहचान कर, सतकर्म और श्रेष्ठ विचारों से अपना जीवन जीने की प्रेरणाएं दी | उन्होंने सभी को राजयोग का प्रशिक्षण लेने की सलाह भी दी |
इसके पश्चात् एक प्रेरणादायक प्रश्न और उत्तर सत्र आयोजित किया गया जिसमें राजयोगी ब्रह्माकुमार निकुंज – आध्यात्मिक प्रेरक वक्ता, लोकप्रिय स्तंभकार और ब्रह्माकुमारीज के मीडिया विंग के राष्ट्रीय समन्वयक ने भाग लिया। इस सत्र द्वारा दर्शकों को सुखमय जीवन जीने के नुस्के मिले, व्यवसायियों को बिज़नस टिप्स, युवा बच्चों के अभिभावकों को पेरेंटिंग टिप्स प्राप्त हुए |
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ. नलिनी दीदी जी –ब्रह्माकुमारीज घाटकोपर सबजोन की निर्देशिका ने अपने मुख्य भाषण में सभी को अपने जीवन में मीठी बोली, मीठा व्यवहार करने और सभी में मीठास फ़ैलाने का प्रोत्साहन दिया | विशेष ‘फादर्स डे’ के उपलक्ष्य में उन्होंने सभी को, हम सभी आत्माओं के पिता परमपिता परमात्मा का परिचय दिया |
कार्यक्रम में नृत्य, भजन गायन और सर्व के कल्याण अर्थ प्रभु को “अरदास” की गयी | भगत प्रमोद सोनी जी द्वारा सिन्धी भगत पाठ चला |नन्हे बाल कलाकारों द्वारा सुख – शांति – प्रेम – आनंद आदि सर्व गुणों से संपन्न जीवन कैसे जिया जाये इसके विषय में सुंदर सीख दी गयी |
ब्रह्माकुमारी विष्णुप्रिया – वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ने सभी को मूविंग मैडिटेशन में शांति का अनुभव कराया | सभी आमंत्रित मेहमानों को ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय माउंट आबू आने का निमंत्रण दिया गया। कार्यक्रम का समापन ब्रह्मा भोजन के साथ हुआ जिसमें सिंधी व्यंजन परोसे गए और सभी को दिव्य ईश्वरीय उपहार दिए गए।
प्रतिभागियों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया, उन्हें प्राप्त आतिथ्य से वे बहुत प्रभावित हुए और वे अपने साथ ज्ञान के बहुमूल्य मोती और अविस्मरणीय यादें लेकर गए ।
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