भिलाई: ब्रह्माकुमारीज संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा की 59 वीं पुण्य तिथि श्रद्घापूर्वक मनाई गई…

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भिलाई,दुर्ग,छत्तीसगढ़ सहित विश्व भर के सेवाकेंद्र में मौन में रह श्रद्धांजलि अर्पित की….

मातेश्वरी जगदम्बा जी के हर कर्म,बोल,व्यवहार में शिक्षा समाई हुई थी….

भिलाई, छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी मातेश्वरी जगदंबा की 59 वीं पुण्यतिथि भिलाई,दुर्ग, छत्तीसगढ़ सहित विश्व के सभी सेवाकेंद्रो में श्रद्घापूर्वक मनाई गई। 

सेक्टर 7  स्थित पीस ऑडिटोरियम में प्रातः अमृतवेले ब्रह्ममूहर्त से ही सभी मौन में रहकर राजयोग का अभ्यास किया।

राजयोग सत्र के पश्चात् मातेश्वरी जगदम्बा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने श्रद्घासुमन अर्पित किए।

ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने मातेश्वरी जी के जीवन से सम्बन्धित संस्मरण सुनाकर सभी को उनके द्वारा बतलाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बतलाया कि मातेश्वरी जी वात्सल्य की मूर्ति होने के साथ ही दैवीय गुणों से सम्पन्न थी। उन्होंने एक माँ की तरह से ब्रह्मावत्सों की निस्वार्थ पालना की।  उनके जीवन के हर कर्म,बोल,व्यवहार में शिक्षा समाई हुई थी। 

उनके जीवन में अपनाए गए सिद्घान्त आज संस्था के लिए प्रमुख सूत्र बन चुके हैं जिसके आधार पर ब्रह्माकुमारी संस्था का संचालन किया जाता है।   परमपिता परमात्मा शिवबाबा को मातेश्वरी जगदंबा के निम्मित भोग स्वीकार कराया गया। जिसके बाद में सभा में ब्रह्माकुमारी बहनों ने एवम ब्रह्मावत्सो ने संगठित रूप से शक्तिशाली राजयोग मौन साधना द्वारा मातेश्वरी जगदम्बा को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात् करने का दृढ़ संकल्प किया।

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