क्रोध से बढ़ता है मानसिक तनाव -भगवान भाई
दीफू (असम ):
क्षणिक क्रोध या आवेश मनुष्य को कभी न सुधरने वाली भूल कर बैठता है। क्रोध से मानसिक तनाव बढ़ता है। क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट होता है |क्रोध मुर्खता से शुरू होता और कई वर्षो के बाद के पश्चाताप से समाप्त होता है | क्रोध के कारण मनोबल और आत्मबल कमजोर हो जाता है |क्रोध ही अपराधो के मूल कारण बन जाते है | मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार ही वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते है। मन के नकारात्मक विचारों से ही वर्तमान में तनाव उत्पन्न होता है | तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है । सकारात्मक विचारो से सहनशीलता आती जिससे कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। उक्त उदगार ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किया । वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज द्वारा दिफू क्लब 5 दिवसीय गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव उद्घाटन कार्यक्रम में वर्तमान में तनाव मुक्ति की आवश्यकता विषय पर बोल रहे थे ।
भगवान भाई ने कहा कि मन में चलने वाले नकारात्मक विचार, शंका, कुशंका, ईर्ष्या, घृणा, नफरत अभिमान के कारण ही की उत्पति होती है | क्रोध से दिमाग गरम हो जाता है जिससे दिमाग में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ उतरते है और इससे ही मानसिक बीमारियां , शरीर की अनेक बिमारिया हो जाती है जीवन में रूखापन आता है | क्रोध से ही आपस में सम्बधो में कडवाह्ट आती है , मन मुटाव बढ़ जाता है | उन्होंने कहा की क्रोध से घर का वातावरण ख़राब हो जाता है और पानी के मटके भी सुख जाते है | जहा क्रोध है वहा बरकत नही हो सकती है | इसलिए वर्तमान में क्रोध मुक्त बनाना जरुरी है | क्रोध करने से ही अनिद्रा , अशांति जीवन में आती है तनाव बढ़ता है जिससे व्यक्ति नशा व्यसनों के अधिन हो जाता है |
भगवान भाई ने सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताया। | विकारों वश होने से तनाव की उत्पति होती है विकारों से स्वयं की रक्षा करना है | सकारात्मक विचारों का स्त्रोत आध्यात्मिकता है। उन्होंने बताया वर्तमान समय स्वयं को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। सकारात्मक सोचने वाला हर परिस्थिति को स्वीकार कर विजयी बन सकता है। उन्होंने बताया कि तनाव से नशा व्यसन आदि बुरी आदते लगती है | जिससे हमसे भूले होने कि संभावनाए है |
तिनसुकिया चबुआ से आयी हुई बी के सिमी बहन जी ने कहा की यदि हमारे विचार सकारात्मक है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । उन्होंने सकारात्मक बन स्वय को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बन समाज वा देश कि सेवा करने कि बात कही |
डॉक्टर रातुल ठाकुर जी ने कहा कि मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता हे| उन्होंने कहा कि वर्तमान में अपने जीवन शैली का सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है।
सीनियर पत्रकार संजू बोरा जी ने कहा कि वर्तमान में धरतीपर जनसंख्या बढ़ने के कारण आपसी तनाव बढ़ता जा रहा है । वर्तमान में ऐसी विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक सोच रखने से जीवन को सफलता दिलाते है। जिससे हम तनाव से दूर रह सकते है ।
स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र की संचालिका बी के शीला बहन जी ने कहा राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल और आत्मबल बढ़ाकर तनाव से दूर रह सकते है। उन्होंने 5 दिवसीय तनाव मुक्ति हेतु कार्यक्रम में आने हेतु सभी को हार्दिक निमंत्रण दिया ।
कार्यक्रम की शुरुवात आसामी गमछा सभी को पहनाकर किया | दीप प्रज्ज्वलित कर विधिपूर्वक 5 दिवसीय गुड बाय टेंशन कार्यक्रम का सभी आमंत्रित अतिथियों द्वारा उद्घाटन किया गया ।इस कार्यक्रम में फुनू बर्मन , बीनापानी स्कूल टीचर , दिफू क्लब एसोसियन के अध्यक्ष शर्मा जी जयपुर राजस्थान के बी के मनोहरलाल भाई जी और काफी संख्या में भाई बहन उपस्थित थे | डालीमेट कुमारिने स्वागत डांस किया ।संगीत द्वारा मेडिटेशन भी कराया।—