देरगांव (आसाम):
वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करके, हम अपने नकारात्मक विचारों को हम पर हावी होने से रोक सकते हैं। आशावादी और सकारात्मक विचारों से खुशहाल जीवन जी सकते है | नकारात्मकता के अधिकांश स्रोत किसी बीती घटना की स्मृति या संभावित भविष्य की घटना की अतिरंजित कल्पना से उत्पन्न होते हैं। इसलिए, वर्तमान क्षण में रहना महत्वपूर्ण है।मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार ही वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते है। मन के नकारात्मक विचारों से ही वर्तमान में तनाव उत्पन्न होता है | तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है । उक्त उदगार ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किया । वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र पर खुशहाल जीवन हेतु सकारात्मक विचार विषय पर बोल रहे थे।
भगवान भाई जी ने कहा कि अपने नकारात्मक विचारों से सावधान रहें और उन्हें आशावादी और स्वस्थ विचारों से चुनौती देने का प्रयास करें। अपने विचारों पर ध्यान देना शुरू करें और जैसे ही नकारात्मक विचार आपके दिमाग में घूमने लगें, शांति से और बल प्रयोग किए बिना, उन्हें रचनात्मक, खुश और सकारात्मक विचारों से बदल दें। उन्होंने कहा की कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता और हम अक्सर गलतियाँ करते हैं और असफलता का अनुभव करते हैं। इस बात पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कि आप कैसे असफल हुए, इस बारे में सोचें कि आप अगली बार क्या करने जा रहे हैं—अपनी असफलता को एक सबक में बदलें।
भगवान भाई ने हम सुबह की शुरुआत कैसे करते हैं यह पूरे दिन के लिए दिशा तय करता है। खुद को आईने में देखें और खुद से बात करें। यहां तक कि अगर आप अशांत महसूस करते हैं, तो “आज एक अच्छा दिन होगा” या “मैं आज अद्भुत होने वाला हूं” जैसे कथनों का उपयोग करने का प्रयास करें। ये सकारात्मक प्रति ज्ञान आपके अचेतन मन में समा जाएंगे, जो बदले में आपको अधिक रचनात्मक और आशावादी ढंग से सोचने के लिए मार्गदर्शन, प्रेरित और प्रेरित करेंगे।
वरिष्ठ राजयोगी बी के विनोद भाई जी ने कहा की यदि हमारे विचार सकारात्मक है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । उन्होंने सकारात्मक बन स्वय को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बन समाज वा देश कि सेवा करने कि बात कही |
बी के कोलुदा बहन जी जी ने सकारात्मक सोच बनाकर जीवन को सफलता दिलाते है। इसीलिए अपने सोच को सदा सकारात्मक रखें।
तिनसुकिया ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र की संचालिका बी के रजनी बहन जी ने कहा राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल और आत्मबल बढ़ता है। उन्होंने ने बताया हम कोन ,परमात्मा कोन राजयोग का महत्व भी बताया |उन्होंने ने कहा कि वर्तमान की परिवेश में हर एक को किसी न किसी बात का तनाव जरूर होता है। राजयोग द्वारा तनाव मुक्त बन सकते है
· कार्यक्रम की शुरुवात आसामी गमछा सभी पहनाकर किया | इस कार्यक्रम में बी के लीला बहन जी , बी के जानकी बहन जी बी के योतिनभाई ओर काफी संख्या में भाई बहन उपस्थित थे |
· स्थानीय सेवाकेंद्र की बी के रानू बहन जी ने सभी का आभार व्यक्त किया |
· भगवान भाई ने मनोबल, आत्मबल बढ़ाने के लिए राज योग भी मेडीटेशन भी कराया |