नाशिक: जब हमारा विचारो का स्विच ईश्वर से जुड़ जाता है,तो मस्तिष्क के कंपन स्थिर हो जाते हैं और इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है- राजयोगी  डॉ. प्रेम

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नाशिक,महाराष्ट्र: हमारे मस्तिष्क के कंपन हमारे विचारों से संचालित होते हैं। यदि हमारे विचार अनियंत्रित और गतिशील हैं, तो हमारे मस्तिष्क के कंपन उसी गति से फैल ते  हैं, और जब मस्तिष्क के कंपन अधिक होते हैं, तो हमारे नर्वस सिस्टम भी बहुत गतिशील होता है। ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व संचालिका दादी जानकी जी की मस्तिष्क तरंगें अल्फा रूप में होती थीं, किसी से बात करते समय या चलते समय दादीजी की तरंगें अल्फा रूप में होती थीं। अल्फा तरंग में मानव शरीर की उपचार प्रक्रिया तेज़ गति होती है। ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्यालय में वरिष्ठ राजयोग शिक्षक डॉ. प्रेम मसंद ने कहा कि नियमित शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ राजयोग ध्यान करना भी आवश्यक है जो मस्तिष्क को हमारी मस्तिष्क तरंगों को नियंत्रित करने के लिए निर्देशित करता है। उन्होंने यह बयान 22 मई को नाशिक के  यशवंत महाराज मैदान में आयोजित वसंत व्याख्यान माला  श्रृंखला के 22वें दिन को संबोधित करते हुए दिया।
इस  व्याख्यान मे  प्रमुख अतिथी के रूप में ब्रह्माकुमारी संस्थान की जिला प्रमुख राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वासंती दीदीजी, अजीत सुराणा राजेंद्र देशपांडे नमको बैंक के निदेशक सुभाष नाहर और उद्यमी सुनील चोपड़ा संगीता बाफना उपस्थित थे।
इसके साथ ही नासिक के विभिन्न सेवा केन्द्रों की समर्पित बहनें मंच पर उपस्थित थीं। कार्यक्रम की शुरुआत में ब्रह्माकुमार ओंकार ने भक्ति गीत गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। वसंत व्याख्यानमाला के अध्यक्ष श्रीकांत बेनी ने इसका परिचय दिया जबकि बीके राजनभाई ने डॉ. प्रेम मसंद का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।
अपने विद्वत्तापूर्ण वक्तव्य में डॉ. प्रेम मसंद ने कहा कि विचार विद्युत रासायनिक घटनाएं हैं जिनका शरीर पर प्रभाव पड़ता है। मन में नकारात्मक और बेकार विचारों का अधिक उत्पन्न होना तनाव पैदा करता है। बार-बार एक ही नकारात्मक विचार अवसाद का कारण बन सकता है। मानसिक बीमारी का एक प्रमुख कारण तनाव/अवसाद है। आहार, भावनाओं और वातावरण में परिवर्तन से शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है। नकारात्मक भावनाएँ डीएनए की स्वयं की मरम्मत करने की क्षमता को कम कर देती हैं।
इन सभी बीमारियों के लिए क्या किया जा सकता है और इन बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है इस का मार्गदर्शन डॉ. प्रेम मसंद ने इस मौके पर किया ।

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