छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज़ किशोर सागर द्वारा रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में सत्यशोधन आश्रम एवं बाल सुधार गृह में बच्चों के लिए आयोजित कार्यक्रम

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मीठे बोल हमें अनमोल और प्रभु पसंद बनाते हैं-ब्रह्माकुमारीज

प्रेम से भरे दो शब्द मनुष्य का जीवन बदल सकते हैं

छतरपुर, मध्य प्रदेश। जीवन में प्रेम का बहुत महत्व है। प्रेम से क्रोध को वश में किया जा सकता है। प्रेम से भरे दो शब्द मनुष्य का जीवन बदल सकते हैं। इस जग में उनका ही जीवन अनमोल है जिनके शीतल बोल हैं। मीठे बोल वाला ही अनमोल और प्रभु पसंद बन सकता है।
उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज किशोर सागर द्वारा महिला एवं बाल विकास की जवाली योजना के अंतर्गत गांधी आश्रम में संचालित सत्यशोधन आश्रम में ‘परिवार, समाज और स्वास्थ्य का रक्षा कवच- रक्षाबंधन’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बीके कल्पना ने व्यक्त किये।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु स्मृति में प्रार्थना से शुरू की गई तत्पश्चात बीके आरती ने कहा की सच्चाई को जीवन में धारण करने के लिए मन की सफाई जरूरी है। हम अपने को एक परिवार का समझे और आपस में बड़े प्यार से रहें।
इस अवसर पर सत्यशोधन आश्रम प्रभारी देवेंद्र भंडारी, अन्य व्यवस्थापक एवं सभी बच्चे उपस्थित रहे।
बीके सपना ने बच्चों को एकाग्रता बढ़ाने के लिए अनेक ज्ञानवर्धक खेल खिलवाए। कार्यक्रम के अंत में बीके आरती ने सभी को मेडिटेशन कराया तत्पश्चात सभी बच्चों को रक्षासूत्र बांधा गया और ईश्वरीय प्रसाद खिलाया गया।
इसी तारतम्य में बाल संप्रेक्षण गृह (बाल सुधार गृह) में भी कार्यक्रम किया गया जिसमें बीके शिल्पा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें पहले स्वयं की रक्षा बुराइयों से करना होगा और जब इनसे बचेंगे तभी अच्छे कार्य कर सकेंगे।
बीके सुमन ने कहा की नैतिक मूल्य केवल कागज में लिस्ट बनाकर टांगने के लिए नहीं होते बल्कि स्वयं में धारण करने के लिए होते हैं। जब हम नैतिक कर्तव्यों को समझेंगे तभी नैतिकता हमारे अंदर आएगी और हम गुणवान बन पाएंगे।
इस अवसर पर बाल सुधार गृह अधीक्षक सरोज छारी एवं अन्य शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित रहे।

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