बाबा और बेहद की खुशी हमारा खज़ाना है

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बाबा ने हम बच्चों को लक्ष्य दिया है कि बच्चे तुम्हें डबल लाइट बनना है। इस स्थिति में न कोई इच्छा रहेगी, न कोई फीलिंग रहेगी, न कोई उदासी रहेगी, न कोई किसी को देखेंगे। जैसे बाबा कहते आँखें खोल कर बैठो। आँखें खोलकर बैठते हैं, देखते बाबा को हैं। ऐसे सदा ही देखते भी कुछ न देखो।
एक तो हमको ड्रामा का ज्ञान है, बाबा जि़म्मेदार है, बाबा अथॉरिटी है, सेवाएं बाबा की हैं, हम बाबा के हैं, ज्ञान दाता बाबा, वरदान देने वाला बाबा, जब हर बात में बाबा ही बिन्दु है तो हम क्या बिन्दु बनावें। हम सुखदाता की सन्तान सुखदाता हैं, सुख स्वरूप हैं। हमें मास्टर सर्वशक्तिवान बन विघ्न विनाशक बनना है। एक बात आप प्रैक्टिकल करो- सवेरे-सवेरे उठते तीन बातें याद करो, पहले बाबा, फिर मन्मनाभव, फिर अपने को प्रैक्टिकल में इस नशे में ले आओ हम हैं मास्टर सर्वशक्तिवान। मास्टर सर्वशक्तिवान माना ही योगबल द्वारा विघ्नों का विनाश करने वाले। दूसरा, हम हैं बाबा के डबल लाइट बच्चे। बाबा ने कहा लाइट हो गये, याद किया तो लाइट का ताज मिल गया। तो हम हैं डबल लाइट। तीसरा, सदैव सर्व को शुभ भावना-शुभ कामना का वायब्रेशन दो। फिर है मुझे सदा अपार खुशी में झूमते रहना है, कोई शक्ति नहीं जो मेरी खुशी को गायब करे, ये नशा चाहिए। मुझे बाबा मिला इससे बड़ी कोई खुशी नहीं है। खुशी गायब माना बाबा गायब। कोई कहता इसने मेरी खुशी गायब कर दी, माना उसने आपका बाबा गायब कर दिया। रावण ने राम को गाली दी तो क्या राम अपनी शक्ति को भूल गया! बोलने वाले ने बोल दिया, उसको थैंक्स दो। हमें माया को जीतना है या माया से हारना है? हमें सर्व इच्छाओं को पूर्ण करने वाला बाबा मिला, बाकी क्या इच्छा चाहिए! बाबा ने हमें बहुत नशा चढ़ा कर ऊंचा बनाकर रखा है। इसीलिए किसी प्रकार की न उदासी, न चिन्ता, न ममता। बाकी हम क्या हुए? हम हो गये नष्टोमोहा। बाबा और बेहद की खुशी हमारा खज़ाना है। इसी मस्ती में रहते हैं तो मस्त रहते हैं।

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