राजऋषि गोकुल ग्राम प्रकल्प के अंतर्गत ट्रेनर ट्रेनिंग और यौगिक खेती कार्यक्रम का उद्घाटन

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ब्रह्माकुमारीज द्वारा राजऋषि गोकुल ग्राम प्रकल्प के अंतर्गत ट्रेनर्स ट्रेनिंग तथा भारतीय संस्कृति पर आधारित प्राकृतिक यौगिक खेती कार्यक्रम का उद्घाटन

सिकंदराबाद,कर्नाटक:राजऋषि गोकुल ग्राम प्रकल्प के अंतर्गत ट्रेनर ट्रेनिंग का उद्घाटन कार्यक्रम 2 सितम्बर, सुबह 10.30 बजे किया गया। भारत को विश्व गुरु का स्थान पुनः प्रदान करने में भारतीय कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का विशेष योगदान है, इसी विषय एवं लक्ष्य लेकर ब्रह्माकुमारीज् के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा ब्रह्माकुमारीज् सिकन्दराबाद के महादेवपुरम में स्थित साइलेन्स रिट्रीट सेंटर में चार दिवसीय ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माउंट आबू से पधारे ब्रह्माकुमारीज के कृषि और ग्रामीण विकास प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार सुमंत भाई तथा ब्रह्माकुमार शशिकांत भाई, गोकुल ग्राम परियोजना के समन्वयक राजयोगी ब्रह्माकुमार चंद्रेश भाई, कोल्हापुर से शाश्वत यौगिक कृषि की प्रणेता बी.के. मनिषा बहन तथा राजस्थान जाहोता गांव के सरपंच भ्राता श्याम प्रताप राठौड़ आदि सभी विशेष  ट्रेनिंग देने के लिये हैदराबाद में पहुंचे थे।

इस प्रकल्प के उद्घाटन के लिये विशेष अतिथि तेलंगाना स्टेट प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन भ्राता डॉं जी चिन्ना रेड्डी, स्थानीय विधान सभा के सदस्य भ्राता के अनील कुमार रेड्डी, स्थानीय मंडल प्रसीडेन्ट भ्राता सुधाकर रेड्डी, ब्रह्माकुमारीज् क्षेत्रीय संचालिका, सिकन्दराबाद के राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुनीता दीदी जी,  राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राजू दीदी आदि उपस्थित रहकर दिप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुवात की।

बी.के. राजू दीदी जी ने शब्द सुमन से स्वागत करते हुए कहां, कि ब्रह्माकुमारीज के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा ग्रामीण आंचल में भोले भाले गांव वालों के जीवन उत्थान के लिए की जा रही सेवाओं की सराहना की तथा इस ट्रेनर्स ट्रेनिंग कार्यक्रम के माध्यम से सेवाओं का विशाल स्तर पर विस्तार होने की आशा व्यक्त की।

मुख्यालय संयोजक राजयोगी ब्रह्माकुमार सुमंत भाई ने अपने वक्तव्य में कहां कि आज कृषि में आने वाली हर समस्या का समाधान हमारे भारतीय कृषि परंपरा में है। अनेक जीवंत उदाहरण देते हुए प्राकृतिक खेती में सफलता पाने का राह सुझाए। खेत में खर्चा कम करके राजयोग अभ्यास के माध्यम से योगी जीवनशैली को अपनाने तथा एक स्वस्थ संसार के निर्माण के लिए प्रेरणाएं दी। जैसा अन्न वैसा मन। अगर हमें भारत के लोगों के संस्कारों को परिवर्तन करना है तो हमें अन्न के ऊपर काम करना होगा। उन्होंने कहा की अध्यात्म में जीवन की हर समस्या का समाधान समाया हुआ है तथा परमात्मा की प्रेरणा से ही यह राजऋषि गोकुल ग्राम प्रकल्प की संकल्पना साकार हो रहीं है। 

राजस्थान के जाहोता गांव के सरपंच भ्राता श्याम प्रताप राठौड़ ने कहां कि जब तक गांव का विकास नहीं होगा तब तक हमारा देश आगे नहीं बढेगा। उन्होंने अपने जाहोता गांव को गोकुल गांव बनाया है वह अनोखा अनुभव उन्होने सभी के सामने साझा किया। उन्होंने अनुभव पूर्वक बताया की गांव में स्वच्छता की समस्या का हल हो सकती है तथा गांव में सामूहिक प्रयासों आज उनके गांव में एक भी महिला बेरोजगार न रहे। 

अतिथि भ्राता डॉं जी चिन्ना रेड्डी जी, ने कहा कि सही वक्त पर यह प्रयास शुरू हुआ है। गांव की दिशा और दशा बदलने का आधार प्राकृतिक खेती है। प्राकृतिक खेती यौगिक खेती को सीख कर जीवन को आदर्श बनाएं। भारतीय कृषि श्रृषि परंपरा को गांव का भौतिक और आर्थिक विकास के साथ सामाजिक और मानसिक विकास की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया। ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा की जा रही प्रयासों का सराहना की तथा सरकार की तरफ से हर संभव मदद का भी आश्वासन दी। 

भ्राता के.अनिल कुमार रेड्डी ने अपने भाव प्रकट करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा की जाने वाले हर कार्यक्रम मानवता को जगाती है और अनेक समस्याओं से जूझ रहे किसानों के कल्याण के लिए प्राकृतिक खेती पद्धति शाश्वत यौगिक खेती तथा गांव के सर्वांगीण विकास के संकल्पना की सराहना की। अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसे गोकुल गांव बनाने का संकल्प लिया। मंडल प्रेसिडेंट सुधाकर रेड्डी ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सम्पूर्ण ग्राम विकास की दिशा में की जाने वाली हर प्रयास भारत को शक्तिशाली बनायेगा।

कार्यक्रम का कुशल संचालन राजयोगिनी बीके. कान्ति बहन ने किया। भारत भर से ट्रेनर ट्रेनिंग कार्यक्रम में पधारे 70 भाई बहनों का तथा कार्यक्रम में भाग ले रहे स्थानीय 150 किसान तथा सभी मेहमानों का आभार प्रदर्शन राजयोगी बी.के. सुनीता दीदी जी ने किया। 

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