जालोर: तीन दिवसीय चैतन्य देवियों की झांकी शुभारम्भ

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जालोर,राजस्थान: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं आशापूर्णा यूथ क्लब के तत्वाधान में नवरात्र पर्व पर तीन दिवसीय चैतन्य देवियों की झांकी शुभारम्भ मुख्य अतिथि डाक्टर एम एल जागिङ , श्रवणसिन्ह, संयोजक आशापूर्णा यूथ क्लब, डूंगररजी देवासी वाइस प्रेसिडेंट बार एसोसिएशन, उद्योगपति नंदकिशोर जेथलिया, लक्ष्मी-नारायण अग्रवाल,सुरेश चौधरी अध्यक्ष आशापूर्णा यूथ क्लब, दामोदर भूतङा उपाध्यक्ष आशापूर्णा यूथ क्लब, अचलसिह भाटी विशेष कार्यकर्ता ने दीपप्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन के पश्चात चैतन्य देवियों की झांकी आकर्षण का केन्द्र बना रहा।

इस दौरान बी के रंजू दीदी ने कहा कि चैतन्य देवियों में जो एकाग्रता दिखाई दे रही है, वह राजयोग के अभ्यास से ही संभव है। विश्वविद्यालय मानव चरित्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मानव में निहित पांच विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। समाज में व्याप्त सभी बुराइयों का अंत तभी सम्भव है जब मानव में मानवता के गुणों का समावेश होगा।

कर्णप्रिय व मधुर ध्वनि, सुरम्य साज-सज्जा एवं प्रकाश के अदभुत समागम से सनातन शिव की शक्ति, राजयोग, अभ्यासरत ब्रह्माकुमारी बहनों को चैतन्य देवियों के नौ रूपों में जड़वत विराजित दिखाया गया। माँ दुर्गा के नौ रूपों का दर्शन कर जनसमूह अलौकिक भाव विह्वल हो गया। झॉकी का उद्देश्य व्यक्ति के मन की कलुषित विकृति जैसे भय, क्रोध, बुरे विचार और अवगुण ही महिषासुर राक्षस का स्वरूप है। जिसे मां दुर्गा ने संहार किया था। माँ के समान गुणवान व शक्ति से परिपूर्ण, मानव को बेहतर बनाने की कोशिश की गयी।

चैतन्य झांकी में विभिन्न भूमिकाओं में मॉ दुर्गा के रूप में दीप्ति, लक्ष्मी के रुप में मनीषा, सरस्वती के रूप में आरती, काली के रूप में उषा, ज्ञान गंगा के रुप में शिल्पा, उमा के रूप में ज्योति,अम्बे के रूप में रिन्कू, गायत्री के रूप में मानसी ब्रह्मकुमारी बहने थी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका रंजू दीदी ने बताया कि कल्प पूर्व मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी एवं ज्ञान गंगाएं जो चैतन्य स्वरूपा शिव शक्तियां थीं, जिन्होंने आध्यात्मिक क्रांति लाकर मानव को संस्कारित करते हुए जगत उत्तम बनाया था। इनके यादगार स्वरूप चैतन्य देवियों की झांकी लगायी जाती है। चैतन्य देवियां राजयोगिनी ब्रह्माकुमारियां हैं। इन्हें राजयोग के अभ्यास से निराकार परमात्मा शिव की एकाग्रता की शक्ति प्राप्त है। उन्होंने बताया कि दशमी तक प्रतिदिन उक्त स्थल पर झांकियां प्रदर्शित की जायेंगी।

इस कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए ब्रह्माकुमारी दीप्ति, पूजा,मीनाक्षी,गीता सुथार का विशेष योगदान रहा। उक्त मौके पर उमा दीदी, अस्मिता दीदी, पवनी दीदी, भगवान भाई, सनातन भाई, कान्हा भाई, कान्ति भाई, ललित भाई, अश्विन भाई अनिल माहेश्वरी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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