चैतन्य देवियों की भव्य झांकी दशवे दिन का शुभारंभ कृर्षि विकास एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री छ.ग.शासन – माननीय राम विचार नेताम जी ने द्वीप प्रज्जवलन करके किया

0
12

असत्य,अधर्म ,अन्याय की शक्ति को सत्य,न्याय वा धर्म के आगे पराजित होना पड़ता है – माननीय राम विचार नेताम जी

अंबिकापुर, छ.ग.: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित नौ चैतन्य देवियों की भव्य झांकी दशवे दिन का शुभारंभ कृर्षि विकास एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री छ.ग.शासन – माननीय राम विचार नेताम जी ने द्वीप प्रज्जवलन करके किया। उनके साथ उनकी धर्म पत्नी – पुष्पा नेताम जी,विवेक दुबे जी,जिला भाजपा बलरामपुर अध्ययक्ष  – ओम प्रकाश जयसवाल जी ,जिला भाजपा कोषाध्यक्ष – राजकुमार बंसल जी,  ट्रक एसोसिएशन संभागीय अध्ययक्ष – रवीन्द्र तीवारी जी एवं सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी जी उपस्थित रहीं ।
विजय दशमी का संदेष देते हुए माननीय राम विचार नेताम जी ने कहा हमारे अन्दर प्रदुशित वातावरण है,मन प्रदुशित होने के कारण अन्याय ,अत्याचार वा अधर्म ने जगह बना ली है। जब इन्हें मिटाते हैं तो प्रभु राम का वास अपने हृदय में होता है तो निश्चित रूप से रावण का वध होगा। संस्था द्वारा किया जाने वाला हर एक प्रयास धर्म की स्थापना ,न्याय का पक्ष लेने के लिए संदेश है।सेवा केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी जी ने बताया कि नवरात्रि पर्व वा विजय दशमी दोनों त्योहारों का आपस में बहुत बड़ा लिंक है नौ दिन देवियों के पूजन,व्रत के पश्चात् दशवेें दिन विजय दशमी मनाते है। वास्तव में नौ देवियों की पूजन करना अर्थात् आसुरी शक्ति पर विजय प्राप्त कर दैविय शक्तियों ,गुणों को धारण करना। जब विकारों काम,क्रोध लोभ,मोह,अंहकार – ईष्या,द्वेश जलन,घृणा,नफरत इन पर विजय प्राप्त करना ही विजय दशमी मनाना है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें