हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं – ब्रह्माकुमारी संतोष दादीजी
नाशिक, महाराष्ट्र: शांति का आधार हमारे शुद्ध संकल्प हैं, जैसा हम सोचते हैं, वैसा ही हम बन जाते हैं, ब्रह्माकुमारी संस्था यह भी सिखाती है कि यदि हमारे विचार बदल जाएंगे, तो पूरा विश्व ही बदल जाएगा, यदि हमारे कर्म श्रेष्ठ हो जाएंगे, तो हमारे संस्कार भी श्रेष्ठ हो जाएगे, संस्कार श्रेष्ठ हो जाते है तो हमारे चारों ओर का संसार श्रेष्ठ हो जाता है। यह उद्गार ब्रह्माकुमारी संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी संतोष दादीजी ने 10 अक्टूबर को कस्बे वणी क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी संस्था के नवनिर्मित शांतिकुंज सेवा केंद्र के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किये।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नाशिक जिल्हा मुख्य सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वासंती दीदी जी, उपसरपंच विलास कद नासिक जिला वारकरी संप्रदाय के अध्यक्ष रायते महाराज, डॉ. अनिल पवार, बिल्डर आनंद सिसौदिया, माउंट आबू मुख्यालय के ब्रह्माकुमार नितिन भाई, नासिक रोड की शक्ति दीदी, वरिष्ठ राजयोग शिक्षक बीके माधव भाई, पीलीबंगा राजस्थान की ब्रह्माकुमारी रानी दीदी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रारंभ में पूज्य ब्रह्माकुमारी संतोष दादीजी एवं उपस्थित अतिथियों ने शिव ध्वज फहराकर एवं फीता काटकर सेवा केंद्र का उद्घाटन किया।
ब्रह्माकुमारी संस्था नासिक जिला सेवा केंद्र प्रमुख ब्रह्माकुमारी वासंती दीदीजी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था का यह सेवा केंद्र निश्चित रूप से महाराष्ट्र के साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक श्री सप्तश्रृंगी माता के विश्व प्रसिद्ध मंदिर में सभी के लिए आध्यात्मिक प्रकाश लाएगा।
वारकरी संप्रदाय के नासिक जिला अध्यक्ष रायते महाराज ने कहा कि संपूर्ण ब्रह्मांड ओंकार से निर्मित है और ब्रह्माकुमारी संस्थान में एक-दूसरे से मिलने पर ओम शांति को ओंकार मंत्र कहा जाता है, इसलिए निश्चित रूप से इस मंत्र से सभी को लाभ होता है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार नरेंद्र भाई जाधव ने किया और ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। आयोजकों ने सभी से अपील की है कि वे ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा नि:शुल्क पढ़ाए जाने वाले साप्ताहिक पाठ्यक्रम को अपनाएं और अपनी आध्यात्मिकता में सुधार करें। कार्यक्रम में कस्बे वाणी एवं नासिक से बड़ी संख्या में साधक उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया।