आजरा (महाराष्ट्र):
सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान निकलता है। बुराई में भी अच्छाई देखने का प्रयास करने से मन पर काबू पाया जा सकता है। मन में चलने वाले विचारों से ही स्मृति, वृत्ति, भावना, दृष्टिकोण और व्यवहार बनता है। अगर मन के विचार नकारात्मक होंगे तो स्मृति, दृष्टि, वृत्ति, भावना, व्यवहार भी नकारात्मक बनता है। ऐसा होने से मन में तनाव पैदा होता है। मन के विचार ही वास्तव में बीज है। उन्होंने बताया कि मन के नकारात्मक विचारो से तन में और मन में थकावट आती है |जिससे हम मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाते है | तनाव के कारण हमें क्रोध आता है , रात में चैन कि नींद नही आती है |उक्त उदगार ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किया । वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र पर खुशहाल जीवन हेतु सकारात्मक चिन्तन विषय पर बोल रहे थे ।
भगवान भाई ने सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताया। | विकारों वश होने से तनाव की उत्पति होती है विकारों से स्वयं की रक्षा करना है | सकारात्मक विचारों का स्त्रोत आध्यात्मिकता है। उन्होंने बताया वर्तमान समय स्वयं को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। सकारात्मक सोचने वाला हर परिस्थिति को स्वीकार कर विजयी बन सकता है।
· सायंटिस्ट अमेरिका डॉ संजय चराठी ने सकारात्मक सोच बनाकर जीवन को सफलता दिलाते है। इसीलिए अपने सोच को सदा सकारात्मक रखें। उन्होंने बताया कि तनाव से नशा व्यसन आदि बुरी आदते लगती है | जिससे हमसे भूले होने कि संभावनाए है | हमारे विचार सकारात्मक है तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । उन्होंने सकारात्मक बन स्वय को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बन समाज वा देश कि सेवा करने कि बात कही |
स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र की संचालिका बी के संध्या बहन जी ने कहा राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल और आत्मबल बढ़ता है। उन्होंने ने बताया हम कौन ? परमात्मा कौन ? राजयोग का महत्व भी बताया | उन्होंने ने कहा कि वर्तमान की परिवेश में हर एक को किसी न किसी बात का तनाव जरूर होता है। राजयोग द्वारा तनाव मुक्त बन सकते है
· कार्यक्रम में बी के उत्तम भाई जी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया और मंच संचालन किया गया |
· भगवान भाई ने मनोबल, आत्मबल बढ़ाने के लिए राज योग भी कराया|